संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है, लेकिन सुचारु कामकाज अब भी नहीं हो पा रहा है। दरअसल विपक्ष जहां शोर-शराबा करने में व्यस्त है, तो सत्ता पक्ष भी उस पर हमलावर है। कांग्रेस समेत कई दलों ने तो अब यह कहना शुरू कर दिया है कि बार-बार कार्यवाही स्थगित करने केे पीछे सरकार की रणनीति है, ताकि विपक्ष अपने मुद्दे न उठा पाए और चर्चा न हो सके। वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष पर पूरा ठीकरा फोड़ रहा है।
यह बोला सत्ता पक्ष
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि बहुत दुर्भाग्य है कि विपक्ष नहीं चाहता कि संसद में सकारात्मक देश के मुद्दों को उठाया जाए। विपक्ष का कोई भी सांसद सवाल कर सकता है और सरकार को स्पष्टिकरण भी देना पड़ता है और यही लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन विपक्ष बहुत कमजोरी में आ गया है। मुझे लगता है कि चुनाव के नतीजों ने उन्हें झंझोड़ दिया है। वहीं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि इंडिया गठबंधन है ही नहीं, यह बस नाम के लिए है। कोई किसी की नहीं सुनता है। ये अलग-अलग मुद्दों को लेकर बंटे हुए हैं। देश चलाने के लिए जो एकता होनी चाहिए, उनमें ऐसा कुछ नहीं है। सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने पर उन्होंने कहा कि विपक्ष नहीं चाहता है कि देश आगे बढ़े लेकिन युवाओं में इतनी प्रेरणा है कि देश आगे बढ़ेगा और कोई इसे नहीं रोक सकता।
भाजपा सांसद अरुण गोविल ने कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है। वो क्या दिखाना चाहते हैं? संसद किसलिए होती है कि नए-नए बिल आते हैं, बिलों में संशोधन होता है, फिर उस पर बहस होती है लेकिन बहस का मतलब शोर मचाना नहीं होता। विरोध जताया जा सकता है लेकिन उस विरोध को जताने का एक सभ्य तरीका होना चाहिए, यह बहुत निंदाजनक है।
विपक्ष ने लगाए ये आरोप
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित होने पर जेएमएम सांसद महुआ माजी ने कहा कि अभी लोग बैठक के लिए स्पीकर के पास गए हैं। वहां से बात होने के बाद ही पता चल पाएगा कि क्या करना है। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि चर्चा हो। हम चर्चा की मांग करते रहेंगे क्योंकि सदन इसी के लिए होता है।
सरकार के इशारे पर कार्यवाही स्थगित हो रही
कल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार के इशारे पर संसद की कार्यवाही स्थगित हो रही है। संसद 5 मिनट भी नहीं चलती ओर स्थगित हो जाती है। विपक्षी दल अडानी, मणिपुर, संभल में हिंसा जैसे मुद्दे उठाना चाहते हैं। सरकार का दावा है कि वह चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन वह नियमानुसार होनी चाहिए।