महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। हिंदी भाषी लोगों पर कथित हमलों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज पुलिस शिकायत के बाद यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस घटनाक्रम से राज ठाकरे पर कानूनी शिकंजा कसने की संभावना प्रबल हो गई है।
जानकारी के अनुसार, मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में हिंदी भाषी प्रवासियों पर मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर किए गए हमलों को लेकर कई शिकायतें दर्ज की गई थीं। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि राज ठाकरे के भड़काऊ भाषणों ने इन हमलों को बढ़ावा दिया। इन शिकायतों के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की थी।
ताजा घटनाक्रम में, इन मामलों से जुड़ी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। याचिका में राज ठाकरे के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है, और उनके कथित नफरती भाषणों के लिए जवाबदेही तय करने का आग्रह किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के पहुंचने से यह स्पष्ट नही है कि इस मुद्दे की गंभीरता को न्यायपालिका ने भी संज्ञान में लिया है।
यह पहला मौका नहीं है जब राज ठाकरे हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ अपने रुख को लेकर विवादों में घिरे हैं। अतीत में भी उनके बयानों और मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कार्रवाइयों को लेकर तीखी आलोचना हुई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के बाद राज ठाकरे और मनसे के लिए आगे की राह कठिन हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाता है और क्या इससे राज ठाकरे की राजनीतिक भविष्य पर कोई असर पड़ता है।