छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र में स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन पांचवें दिन भी जारी है। इस संयुक्त अभियान में राज्य पुलिस की डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और केंद्रीय सुरक्षा बलों के कोबरा बटालियन के जवान शामिल हैं। सुरक्षा बलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि कर्रेगुट्टा की पहाड़ी और उसके आसपास के घने जंगलों में बड़ी संख्या में शीर्ष नक्सली कमांडर मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर पांच दिन पहले यह व्यापक ऑपरेशन शुरू किया गया था। दुर्गम पहाड़ी इलाका और घने जंगल सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बने हुए हैं, लेकिन जवान नक्सलियों को घेरने में जुटे हुए हैं। करीब 1000 नक्सली यहां चारों तरफ से घिरे हैं। 10 हजार से ज्यादा जवानों ने उन्हें घेरकर रखा हुआ है।
नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ
ऑपरेशन के दौरान कई बार सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। हालांकि, अभी तक मारे गए या पकड़े गए नक्सलियों की आधिकारिक संख्या की पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन माना जा रहा है कि इस ऑपरेशन में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। सुरक्षा बलों ने इलाके में नक्सलियों द्वारा लगाए गए कई आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) भी बरामद किए हैं, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टाली गई है।
ड्रोन और हेलीकॉप्टरों की भी मदद ली जा रही
ऑपरेशन में ड्रोन और हेलीकॉप्टरों की भी मदद ली जा रही है ताकि घने जंगलों में छिपे नक्सलियों की सही स्थिति का पता लगाया जा सके। भीषण गर्मी और दुर्गम रास्तों के बावजूद, सुरक्षा बलों के जवान लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने इस ऑपरेशन को नक्सलियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने जवानों के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन से इलाके में नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। फिलहाल, कर्रेगुट्टा की पहाड़ी और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बलों का घेराव जारी है और माना जा रहा है कि यह ऑपरेशन अभी कुछ और दिन चल सकता है। इस बड़े ऑपरेशन पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।