राज्यसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन, नए सभापति के स्वागत के दौरान, विपक्ष के नेता (LoP) मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा पूर्व सभापति के विदाई न होने का मुद्दा उठाने पर, सदन के नेता जेपी नड्डा ने कड़ा जवाब दिया। खरगे ने पूर्व सभापति के अचानक सदन से जाने पर दुःख व्यक्त किया था। इसका जवाब देते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि सदन को वर्तमान में आयोजित सम्मान कार्यक्रम की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।
नड्डा ने कहा, “हमें सम्मान कार्यक्रम की गरिमा बनाए रखनी चाहिए, और अच्छा होगा अगर हम उसी हिसाब से इस पर चर्चा करें। अगर हम उस मुद्दे पर चर्चा करना शुरू कर दें जो हमारे विपक्ष के नेता ने आज उठाया (विदाई, और बाकी सभी विषय), तो मुझे लगता है कि यह बेमतलब है।”
उन्होंने विपक्ष को उनकी पिछली कार्रवाई की याद दिलाई, “यहां से यह भी चर्चा होगी कि आपने उनके खिलाफ एक बार नहीं बल्कि दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाया। नड्डा ने खरगे को राजनीतिक हार पर तंज कसते हुए टिप्पणी की, जो शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही तीखी बयानबाजी को दर्शाती है। “मुझे लगता है कि हमारे विपक्ष के नेता बहुत सम्मानजनक हैं। बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र में हार से आपको बहुत दर्द हुआ है। लेकिन आपको अपना दर्द और तकलीफ किसी डॉक्टर को बतानी चाहिए। समय आने पर आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
खरगे का मूल बयान
इससे पहले, खरगे ने कहा था, मुझे उम्मीद है कि आपको बुरा नहीं लगेगा कि मुझे आपके पहले वाले के राज्यसभा के चेयरमैन के ऑफिस से पूरी तरह से अचानक जाने का ज़िक्र करना पड़ रहा… मुझे दुख हुआ कि सदन को उन्हें विदाई देने का मौका नहीं मिला।” नड्डा के इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार विपक्ष के हर मुद्दे पर राजनीतिक जवाबी हमला करने की तैयारी में है, जिससे सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।


