वक्फ संशोधन विधेयक पर बिहार की राजनीति गर्म है। दरअसल इसी साल यहां पर विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में आरजेडी जेडीयू-बीजेपी पर लगातार हमलावर है। मुस्लिम वोटबैंक को अपने पाले में करने के लिए आरजेडी नीतीश को मुस्लिम विरोधी करार देने में लगी है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सरकार बनाएंगे और इस कानून (वक्फ संशोधन विधेयक) को कूड़ेदान में फेंकेंगे। आरजेडी ने वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
बीजेपी ने बताया सत्ता का लालची
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बयान पर कहा कि तेजस्वी यादव उसी पिता के पुत्र हैं, जिन्होंने कहा था कि मेरी लाश पर बिहार बंटेगा। लेकिन सत्ता के लालच और तुष्टिकरण में सबसे पहले आगे बढक़र केंद्र सरकार के निर्णय को उन्होंने दौडक़र अपनाया था। उनकी कथनी और करनी में कोई समानता नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी मानसिकता के लोग सत्ता के लालच में कोई भी समझौता कर सकते हैं।
असल निशाना दलित-पिछड़ा भी है
तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि वो अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर नरम रुख नहीं अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं दलित हिंदू एवं पिछड़े-अतिपिछड़े-आदिवासी और प्रगतिशील हिंदू भाइयों से कहना चाहता हूँ कि यह दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों को सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक-शैक्षणिक और धार्मिक रूप से मुख्य धारा से दूर करने का आरएसएस/बीजेपी का दीर्घकालिक प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा कि ये शातिर लोग मुसलमान के नाम पर, मुसलमान के साथ-साथ मंडल वाले हिंदुओं का अहित और नुक़सान करना चाहते है। मुसलमान ही नहीं इनका असल निशाना दलित-पिछड़ा भी है। ये दलित और पिछड़े-अतिपिछड़े हिंदुओं का 65 प्रतिशत आरक्षण क्यों रोके हुए है? ये दलित-पिछड़े-अतिपिछड़े और आदिवासी हिंदुओं की गणना क्यों नहीं कराना चाहते? उन्होंने कहा कि ये डबल इंजन सरकार धार्मिक न्यास बोर्ड, बड़े मंदिरों के ट्रस्ट इत्यादि में दलित-पिछड़े और आदिवासी हिंदुओं को बराबर की जगह क्यों नहीं देना चाहती?