भारत सरकार ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि वह चीन के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए नाथू ला, लिपुलेख और शिपकी ला जैसे तीन सीमा मार्गों पर बातचीत कर रहा है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चीन के साथ व्यापार संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास जारी हैं, जिसमें इन तीनों सीमा चौकियों के माध्यम से व्यापार को फिर से शुरू करना भी शामिल है।
बता दें कि नाथू ला दर्रा भारत-चीन सीमा पर सिक्किम में स्थित है। यह एक ऐतिहासिक व्यापार मार्ग रहा है, जिसे 1962 के युद्ध के बाद बंद कर दिया गया था। 2006 में इसे फिर से खोला गया था, लेकिन हाल के वर्षों में भू-राजनीतिक तनाव के कारण व्यापार में कमी आई है। लिपुलेख दर्रा उत्तराखंड और शिपकी ला हिमाचल प्रदेश में स्थित है। ये दोनों भी भारत और चीन के बीच महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग हैं।
सरकार का यह बयान दर्शाता है कि सीमा विवाद के बावजूद दोनों देश व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने के इच्छुक हैं। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे को कम करने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने की उम्मीद है। हालांकि, यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव अभी भी बना हुआ है, जिससे व्यापारिक वार्ता में चुनौतियां आ सकती हैं।