भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी 20 विश्व कप का फाइनल आज वेस्टइंडीज में खेला जाना है। दोनों टीमों में एक समानता तो यह है कि दोनों ने टूर्नामेंट में अब तक कोई मुकाबला नहीं हारा है। लेकिन इस एक समानता के अलावा भी कई फैक्ट हैं जो दक्षिण अफ्रीका को विचलित कर रहे होंगे। पहला तो यह कि दक्षिण अफ्रीका पर चोकर्स का ठप्पा लगा हुआ है। यानि दक्षिण अफ्रीका टीम जितने भी टूर्नामेंट खेले हैं, उनमें ज्यादातर में टीम ऐन टाइम पर बिखर गई है। टीम या तो सेमीफाइनल में धराशायी हो गई या फाइनल में आकर चोक हो गई। यही वजह है कि दक्षिण अफ्रीका पहली बार किसी वनडे या टी 20 विश्व कप फाइनल के मुकाबले में खेल रहा है।
सेमीफाइनल की राह रही आसान
चूंकि सेमीफाइनल में उसका मुकाबला अफगानिस्तान से था, तो यह मैच आसान रहा और टीम ने फाइनल तक का सफर तय कर लिया। अब दक्षिणी अफ्रीकी खिलाडिय़ों को वो पुराने रिकॉर्ड याद आ रहे होंगे, जिनमें वह ऐन टाइम पर चूक गई और उसके सुनहरे सफर का अंत हो गया। अब आज रात 8 बजे से फाइनल मुकाबला है तो रोहित की सेना को यह सुनिश्चित करना होगा कि दक्षिण अफ्रीका पर लगा चोकर्स का यह टैग उस पर इस बार भी चिपका रहे।
टीम इंडिया का एक दशक का सूखा
बात करें टीम इंडिया की तो 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने पहला टी 20 विश्व कप का मुकाबला पाकिस्तान को हराकर जीता था। इसके बाद भारत ने 2011 में वनडे विश्व कप जीता। इसके बाद से टीम वनडे या टी 20 में कोई कमाल नहीं कर पाई और न ही कोई आईसीसी ट्रॉफी जीत पाई। ऐसे में यह जरूरी है कि टी 20 विश्व कप की ट्रॉफी रोहित शर्मा उठाएं। वैसे भी भारत के कई खिलाडिय़ों को विश्व कप में खेलने का अनुभव है। ऐसे में बल्लेबाजी और गेंदबाजी में दक्षिण अफ्रीका उसके सामने नहीं टिक पाए। इसके साथ ही कोच राहुल द्रविड़ का यह अंतिम टूर्नामेंट होगा। रोहित और विराट कोहली, रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी भी संभवत: अंतिम टी 20 विश्व कप खेल रहे हैं। ऐसे में टीम को इनको टी 20 विश्व कप ट्राफी का तोहफा देना अविस्मरणीय पल होगा।