सरकार ने 22 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में पक्ष और विपक्ष ने अपने इरादे साफ कर दिए। इस बीच कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की। सहयोगी एनडीए के घटक दलों ने भी ये मांग उठाई। कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वह महंगाई, बेरोजगार, पेपर लीक, चीन से जुड़ा सुरक्षा का मुद्दा और संविधान पर खतरा जैसे मुद्दे उठाएगी। वहीं सरकार ने हुड़दंग न करने की अपील की।
जयराम रमेश ने बताया किया ट्वीट
जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा कि जदयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी नेता ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। हालांकि टीडीपी नेता इस मामले पर चुप रहे। जयराम ने दावा किया कि राजनीतिक परिदृश्य किस तरह बदल गया है। बीजू जनता दल के नेता ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को याद दिलाया कि भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत पाने के बाद अब ओडिशा में भाजपा सत्ता में है।
राजनाथ सिंह ने की अध्यक्षता, टीएमसी ने किया किनारा
सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान सहित कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद हैं। कांग्रेस की तरफ से जयराम रमेश, गौरव गोगोई, के. सुरेश और प्रमोद तिवारी, सपा से रामगोपाल यादव, डीएमके से तिरुचि शिवा एवं टी.आर. बालू, आप से संजय सिंह और एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी बैठक में मौजूद रहे। तृणमूल कांग्रेस से कोई भी नेता इस सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुआ है।
किरेन रिजिजू ने यह कहा
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चर्चा बहुत उपयोगी रही। बैठक में भाजपा सहित 44 दलों ने हिस्सा लिया। हमने सभी फ्लोर लीडर्स से सुझाव लिए हैं। संसद को सुचारू रूप से चलाना, सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपील की कि हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जब कोई सदस्य संसद में बोलता है, तो हमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और बाधा नहीं डालनी चाहिए। विशेष सत्र में जब पीएम मोदी राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण दे रहे थे, तो लोकसभा और राज्यसभा दोनों में इसे बाधित किया गया था। राणावत सिंह ने कहा कि यह संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
कांग्रेस उठाएगी ये मुद्दे
राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमारे आगे महंगाई, बेरोजगारी, पेपर लीक, चीन से जुड़ा सुरक्षा का मुद्दा, संसद में महापुरुषों की मूर्तियों को हटाना, किसान, मजदूर, मणिपुर, रेल दुर्घटनाओं के मामले पर हम चर्चा करना चाहते हैं। हम नीट के मुद्दे पर भी चर्चा करने के पूर्ण प्रयास करेंगे।