दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर की घटना पर राजनीति भी शुरू हो गई है। आप सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा कि बच्चे बहुत दुखी हैं और बहुत गुस्से में हैं। 12 घंटे से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अब तक न दिल्ली सरकार के कोई मंत्री या दिल्ली की मेयर आई हैं, कोई अधिकारी नहीं आया है। इन बच्चों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। मैं मानती हूं कि ये मौत कोई आपदा नहीं है बल्कि ये हत्या है, जितने भी दिल्ली सरकार के बड़े-बड़े लोग हैं उन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। जितने बच्चों की मौत हुई है उनके घर पर जाकर 1 करोड़ का मुआवजा देना चाहिए। दिल्ली मंत्री और मेयर को तुरंत यहां पर आना चाहिए और वो काउंसलर कहां हैं? सब पर जवाबदेही बनती है।
कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए : विधायक
आप विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि पानी अब निकल गया है। बच्चे बेसमेंट में क्यों पढ़ रहे थे? यह पूरी तरह से आपराधिक गतिविधि है। जो भी जिम्मेदार अधिकारी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर कोई जिम्मेदार है तो कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और इसका कारण यह है कि भाजपा 15 साल से सत्ता में थी। हम पिछले 1 साल से यहां हैं और नालों पर काम कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि इसकी जांच हो और जो भी जिम्मेदार हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
हत्या का मामला दर्ज हो
मृतक श्रेया यादव के रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव ने कहा कि मुझे कोचिंग संस्थान या प्रशासन से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली। मैंने खबर देखी और वहां पहुंचा। मुर्दाघर गया और उनसे पहचान के लिए चेहरा दिखाने को कहा लेकिन उन्होंने यह कहकर इंकार कर दिया कि यह पुलिस का मामला है। उन्होंने मुझे एक कागज दिखाया जिसमें श्रेया यादव नाम लिखा था। कोचिंग संस्थान को फोन किया लेकिन वो भी बंद था। संस्थान का दूसरा नंबर लगाया तब किसी ने उठाया तो उन्होंने कहा कि हां यहां पर बचाव अभियान चल रहा है। मेरी मांग है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।