दिल्ली के श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान से जुड़े स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर संस्थान की 17 छात्राओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसके बाद से वह फरार हैं और दिल्ली पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
क्या हैं आरोप?
यह मामला तब सामने आया जब श्री श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने 4 अगस्त 2025 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में लगभग 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए, जिनमें से 17 ने स्वामी चैतन्यानंद पर आपत्तिजनक व्यवहार का आरोप लगाया। छात्राओं का कहना है कि:
- स्वामी ने उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और अश्लील संदेश भेजे।
- उन्होंने जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की।
- जब छात्राओं ने विरोध किया, तो संस्थान की महिला प्राध्यापकों और प्रशासनिक कर्मचारियों ने उन पर आरोपी की मांगें मानने का दबाव डाला।
पीड़ित छात्राओं के अनुसार, आश्रम की वार्डन ने ही उनका परिचय आरोपी से कराया था। इन छात्राओं के बयान कोर्ट में भी दर्ज किए गए हैं।
पहले भी लगे थे आरोप
जांच में पता चला है कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर पहले भी ऐसे आरोप लग चुके हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके खिलाफ 2006 और 2016 में भी छेड़छाड़ के मामले दर्ज थे।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने उसकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही, पुलिस ने आरोपी की एक लग्जरी वोल्वो कार भी बरामद की है, जिस पर उसने संयुक्त राष्ट्र दूतावास की फर्जी नंबर प्लेट लगाई थी। जांच में पाया गया कि ऐसा कोई नंबर उसे जारी नहीं किया गया था।
संस्थान ने भी इस घटना के बाद एक बयान जारी कर कहा है कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती अवैध गतिविधियों में शामिल थे और पीठम ने भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।