नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सबसे आगे चल रहा है। केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद खाली हुए इस पद के लिए जेन-जी प्रदर्शनकारियों ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन कार्की ने राष्ट्र के हित में काम करने की इच्छा जाहिर की है।
भारत के साथ गहरा रिश्ता
सुशीला कार्की का भारत के साथ गहरा संबंध है। उन्होंने अपनी शिक्षा भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पूरी की है, जहाँ से उन्होंने 1970 के दशक में राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की थी। सीएनएन-न्यूज18 से बात करते हुए, उन्होंने खुद को भारत का सच्चा मित्र बताया। कार्की ने कहा, “मैं भारतीय नेताओं से बहुत प्रभावित हूं। भारतीय दोस्त मुझे अपनी बहन की तरह मानते हैं।”
पीएम मोदी पर कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बात करते हुए सुशीला कार्की ने कहा, “मैं मोदी जी को नमस्कार करती हूं। मोदी जी के बारे में मेरी अच्छी धारणा है।” उन्होंने बीएचयू में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि उनके कई भारतीय दोस्त हैं और उन्हें आज भी अपने शिक्षक याद हैं। उन्होंने भारत और नेपाल के बीच के संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा नेपाल की मदद की है और दोनों देशों के संबंध कई सालों से मजबूत हैं।
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय की पहली और एकमात्र महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं। उन्होंने 2016 में यह पद संभाला था। वह अपने सख्त भ्रष्टाचार विरोधी रुख के लिए जानी जाती हैं, जिसके तहत उन्होंने एक मंत्री को जेल भी भेजा था। उनके कार्यकाल के दौरान उनका राजनीतिक प्रतिष्ठान के साथ टकराव हुआ, जिसके कारण 2017 में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया, हालांकि बाद में इसे वापस ले लिया गया। उनकी यह निष्पक्ष और विश्वसनीय छवि उन्हें इस मुश्किल समय में नेपाल का नेतृत्व करने के लिए एक मजबूत दावेदार बनाती है।