नेपाल में चल रहे जेन-जी विरोध प्रदर्शनों के बीच, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को देश का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद उत्पन्न हुई राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए, प्रदर्शनकारियों और सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के साथ हुई बातचीत में यह सुझाव दिया। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव ने भी इस खबर की पुष्टि की है।
सुशीला कार्की कौन हैं?
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ था। वह नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय की पहली और एकमात्र महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पूरी की थी, जहाँ से उन्होंने 1975 में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया था। उनकी शादी नेपाली कांग्रेस के नेता दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई है, जिनसे उनकी मुलाकात बनारस में पढ़ाई के दौरान हुई थी। भारत से अपनी शिक्षा और व्यक्तिगत संबंध के कारण उनका भारत से गहरा जुड़ाव रहा है।
एक निष्पक्ष चेहरा
सुशीला कार्की को नेपाल में एक निष्पक्ष और विश्वसनीय चेहरे के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के तौर पर की और बाद में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनीं। 13 अप्रैल 2016 को वह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनीं, और 11 जुलाई 2016 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए और न्यायपालिका की भूमिका को मजबूत किया। साल 2017 में, नेपाली कांग्रेस और माओवादी सेंटर ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी पेश किया था, लेकिन जन दबाव और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे वापस ले लिया गया। उनकी निष्पक्ष छवि ही उन्हें इस कठिन समय में एक संभावित नेता बनाती है।