‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को लेकर भारतीय राजनीति में एक बार फिर गरमागरम बहस छिड़ गई है। कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के शासनकाल में भी भारतीय सेना ने छह बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि UPA सरकार के दौरान “कोई शोरशराबा नहीं, कोई पीआर नहीं, सिर्फ निर्णायक कार्रवाई” हुई। उन्होंने निम्नलिखित तारीखों पर सर्जिकल स्ट्राइक का दावा किया:
बीजेपी का हमला:
कांग्रेस के इन दावों पर बीजेपी ने तुरंत पलटवार किया। बीजेपी ने एक आरटीआई (RTI) जवाब का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने अप्रैल 2018 में यह पुष्टि की थी कि UPA सरकार के तहत कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी। बीजेपी ने कांग्रेस पर “डरपोक कांग्रेस को झूठ बोलना बंद कर देना चाहिए” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए निशाना साधा।
बीजेपी का कहना है कि सितंबर 2016 में उरी हमले के जवाब में की गई सर्जिकल स्ट्राइक पहली ऐसी सुनियोजित और सार्वजनिक रूप से घोषित कार्रवाई थी, जिसमें आतंकवादियों के लॉन्चपैड को निशाना बनाया गया था। तत्कालीन उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह (जो उस समय डीजीएमओ थे) ने भी 2016 के ऑपरेशन को पहला ऐसा ऑपरेशन बताया था। यह विवाद उस समय और तेज हो गया जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पहले एक बयान में कहा था कि भारत की पहली सर्जिकल स्ट्राइक 2016 में हुई थी, जिसके बाद कांग्रेस के भीतर भी उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा