More
    HomeHindi NewsSuccess Story : आज के युग का श्रवण कुमार, मां-बाप के सपनों...

    Success Story : आज के युग का श्रवण कुमार, मां-बाप के सपनों को पूरा करने बनेगा डॉक्टर

    राजस्थान के जोधपुर से एक प्रेरणादायक सफलता की कहानी सामने आई है, जहां एक फैक्ट्री में काम करने वाले युवा श्रवण कुमार ने NEET UG 2025 की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर डॉक्टर बनने का अपना सपना साकार किया है। श्रवण की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार को गर्व महसूस कराया है, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी मिसाल कायम की है जो विपरीत परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखते हैं। श्रवण के माता-पिता बेहद गरीब हैं। उनके पिता एक छोटी फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं, वहीं उनकी माँ दूसरों के घरों में बर्तन धोने और साफ-सफाई का काम करती हैं। बचपन से ही श्रवण ने अपने माता-पिता के संघर्ष को करीब से देखा था। उनकी आँखों में हमेशा यह सपना रहा कि वे अपने माता-पिता को इस कठिन जीवन से बाहर निकालेंगे और उन्हें सम्मानजनक जीवन देंगे। इसी दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने डॉक्टर बनने का लक्ष्य निर्धारित किया।

    नींद और भूख से समझौता करना पड़ा

    आर्थिक तंगी उनके रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती थी। महंगी कोचिंग और किताबों का खर्च उठाना उनके परिवार के लिए असंभव था। लेकिन श्रवण ने हार नहीं मानी। दिन में वे कड़ी मेहनत से पढ़ाई करते और रात में या छुट्टियों के दौरान एक फैक्ट्री में काम कर अपनी पढ़ाई का खर्च जुटाते थे। कई बार उन्हें नींद और भूख से समझौता करना पड़ा, लेकिन उनके इरादे अटल रहे।

    जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट

    श्रवण ने 12वीं के बाद आगे के बारे में नहीं सोचा था। 2022 के अंत में उनके घर में बिजली आई। सरकार की योजना के तहत मुफ्त स्मार्टफोन और इंटरनेट मिला। इससे श्रवण को पढ़ाई के लिए ज्यादा समय मिला और उन्हें ऑनलाइन अवसरों के बारे में पता चला। बारमेर के सरकारी डॉक्टरों से मुफ्त NEET कोचिंग ने भी तैयारी में मदद की।

    कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है

    लगन और अथक परिश्रम का फल उन्हें NEET UG 2025 के परिणामों में मिला। श्रवण ने शानदार प्रदर्शन करते हुए यह कठिन परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब वे सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेकर डॉक्टर बनने की अपनी यात्रा शुरू करेंगे। श्रवण की यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और मजबूत इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, भले ही परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों। श्रवण कुमार आज उन हजारों युवाओं के लिए एक ‘श्रवण कुमार’ बन गए हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments