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    Success Story : सई जाधव IMA की पहली महिला लेफ्टिनेंट, 93 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

    महाराष्ट्र के कोल्हापुर की बेटी सई जाधव ने भारतीय सेना में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करके इतिहास रच दिया है। उन्होंने देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन हासिल किया है। इस उपलब्धि के साथ, वह आईएमए से पास आउट होने वाली पहली महिला अधिकारी कैडेट बन गई हैं, जिसके कारण उन्होंने 93 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

    उपलब्धि और रिकॉर्ड

    • सई जाधव आईएमए के 9 दशक से अधिक पुराने गौरवशाली इतिहास में सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। अभी तक 67,000 से अधिक पुरुष अधिकारी कैडेट इस अकादमी से प्रशिक्षण ले चुके थे।
    • सई जाधव को टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया गया है।
    • उन्होंने आईएमए में छह महीने का कड़ा सैन्य प्रशिक्षण पूरा किया, जिसे उन्होंने चुनौतीपूर्ण लेकिन व्यक्तित्व को बदलने वाला बताया।
    • सई जाधव एक सैन्य परिवार से आती हैं। उनके परदादा ब्रिटिश आर्मी में थे। उनके दादा भारतीय सेना में अधिकारी थे।
    • सई जाधव की उपलब्धि महिला सशक्तिकरण और सेना में समान अवसरों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पासिंग आउट परेड के दौरान उनके माता-पिता ने जब उनके कंधों पर सितारे सजाए, तो यह पल इतिहास में दर्ज हो गया।
    • सई जाधव ने स्कूली और कॉलेज की छात्राओं को भी रक्षा बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है।

    महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली सई जाधव ने मात्र 23 वर्ष की आयु में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से पास आउट होने वाली पहली महिला अधिकारी कैडेट बनकर उन्होंने 93 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है।

    मुकाम तक का सफर

    सई जाधव का सैन्य जीवन में प्रवेश एक सुनियोजित और कठिन प्रक्रिया के माध्यम से हुआ:

    • जयसिंहपुर गांव की मूल निवासी सई की पढ़ाई देश के अलग-अलग हिस्सों में पूरी हुई। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई बेलगांव से पूरी की।
    • ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद, उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा पास की। इसके बाद, वह कठिन सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) के माध्यम से चयनित होकर भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) तक पहुंचीं।
    • विशेष अनुमति के तहत, सई जाधव ने आईएमए में 6 महीने का कठोर सैन्य प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।

    सई जाधव की इस सफलता पर उनके पिता संदीप जाधव ने गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बेटी को उसी अकादमी से पास आउट होते देखना जहाँ से सेना के सर्वश्रेष्ठ अधिकारी निकलते हैं, यह उनके लिए गर्व का सबसे बड़ा क्षण है।

    भविष्य की तैयारी

    सई अब जून, 2026 में आईएमए की प्रतिष्ठित चेटवुड बिल्डिंग के सामने पुरुष कैडेट्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पासिंग आउट परेड करती नजर आएंगी। वर्तमान में, NDA के पहले महिला बैच (2022) से चयनित आठ अन्य महिला अधिकारी कैडेट भी आईएमए में प्रशिक्षण ले रही हैं।

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