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    कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की.. बैंक की नौकरी छोड़ छोले-कुलचे की मशीन बनाई

    कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई करने के बाद अक्सर युवा आकर्षक कॉरपोरेट नौकरियों की तलाश में रहते हैं, लेकिन दिल्ली के सागर मल्होत्रा ने एक अलग राह चुनी। उन्होंने अपनी आरामदायक बैंक की नौकरी छोडक़र एक ऐसा स्टार्टअप शुरू किया है, जो भारतीय स्ट्रीट फूड को एक नए अंदाज में पेश कर रहा है। सागर ने छोले-कुलचे की एक वेंडिंग मशीन बनाई है, जो न केवल स्वादिष्ट और हाइजीनिक छोले-कुलचे उपलब्ध कराती है, बल्कि उद्यमिता की एक नई कहानी भी लिख रही है।

    मन में हमेशा कुछ अपना शुरू करने की इच्छा थी

    सागर मल्होत्रा ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली में पूरी की और फिर उच्च शिक्षा के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए, जहां से उन्होंने फाइनेंस में डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें एक प्रतिष्ठित बैंक में अच्छी नौकरी भी मिल गई। हालांकि, सागर के मन में हमेशा कुछ अपना शुरू करने की इच्छा थी। उन्हें भारतीय स्ट्रीट फूड से खास लगाव था, खासकर दिल्ली के मशहूर छोले-कुलचे।

    ऐसे आया विचार

    एक दिन सागर को यह विचार आया कि क्यों न छोले-कुलचे को एक आधुनिक और सुविधाजनक तरीके से लोगों तक पहुंचाया जाए। इसी सोच के साथ उन्होंने अपनी बैंक की नौकरी छोड़ दी और इस अनोखे प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया। उन्हें इस मशीन को बनाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। छोले-कुलचे का स्वाद और ताजगी बरकरार रखना, मशीन को इस तरह से डिजाइन करना कि वह आसानी से काम करे और लोगों के लिए सुलभ हो, ये कुछ ऐसी समस्याएं थीं जिन पर सागर और उनकी टीम ने मिलकर काम किया।

    आखिरकार मेहनत रंग लाई

    लंबे प्रयास के बाद आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने एक ऐसी वेंडिंग मशीन तैयार कर ली जो स्वादिष्ट और गरम छोले-कुलचे कुछ ही मिनटों में उपलब्ध कराती है। इस मशीन में छोले और कुलचे अलग-अलग कंटेनरों में रखे जाते हैं और ऑर्डर करने पर मशीन उन्हें सही मात्रा में निकालकर पैक करती है। हाइजीन का भी पूरा ध्यान रखा गया है, जिससे लोगों को सडक़ किनारे मिलने वाले छोले-कुलचे की स्वच्छता को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।

    दिल्ली-एनसीआर के कई व्यस्त इलाकों में लगाई जा चुकी मशीन

    सागर की यह वेंडिंग मशीन दिल्ली-एनसीआर के कई व्यस्त इलाकों में लगाई जा चुकी है और लोगों से इसे खूब पसंद भी किया जा रहा है। खासकर उन लोगों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है जो जल्दी में हैं और स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का आनंद लेना चाहते हैं। सागर का कहना है कि उनका लक्ष्य इस कॉन्सेप्ट को पूरे देश में फैलाना है और भारतीय स्ट्रीट फूड को एक नई पहचान दिलाना है। सागर मल्होत्रा की कहानी यह साबित करती है कि अगर आपके पास एक अच्छा विचार है और उसे साकार करने का जुनून है, तो आप किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं, भले ही आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। उनकी यह पहल न केवल एक सफल व्यवसाय है, बल्कि यह अन्य युवाओं को भी लीक से हटकर सोचने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।

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