उत्तर भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से पता चला है कि इस बार भारत के पंजाब की तुलना में सीमा पार पाकिस्तान के पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कहीं ज्यादा हुई हैं। यह अंतर बेहद बड़ा है। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) चंडीगढ़ की संयुक्त टीम की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 72 घंटों में पाकिस्तान में भारत से 800 प्रतिशत अधिक पराली जलाई गई है। पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों की वायु गुणवत्ता खराब होनी शुरू हो गई है
पाकिस्तान बन रहा प्रदूषण का मुख्य स्रोत:
- नासा (NASA) की सैटेलाइट तस्वीरों में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत, विशेष रूप से लाहौर, सियालकोट और गुजरांवाला के खेतों में पराली जलने के स्पष्ट निशान दिखाई दिए हैं।
- पाकिस्तान के कसूर, ओकारा और पाकपत्तन जिले पराली जलाने के प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं, जिनमें अकेले ओकारा में पूरे प्रांत की 36.3 प्रतिशत घटनाएं दर्ज की गईं।
- इस समय उत्तर-पश्चिम से बहने वाली हवाएं पाकिस्तान के पंजाब से उठे धुएं और प्रदूषक कणों को भारत के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों तक ला रही हैं।
- हवा की धीमी गति और धुंध के कारण बन रहा स्मॉग सीमा पार से आ रहे इस प्रदूषण को और अधिक खतरनाक बना रहा है।
भारत पर पड़ रहा असर:
भले ही इस साल भारत के पंजाब में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है (दिवाली के दिन लगभग 90% कम केस), लेकिन पाकिस्तान से आ रहे धुएं के कारण पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता (AQI) लगातार खराब हो रही है। इस सीमा पार प्रदूषण के कारण आने वाले दिनों में उत्तर भारत की हवा और अधिक जहरीली होने की आशंका है।