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    संघर्ष : पंचर बनाने वाले अहद अहमद बने जज, पहले प्रयास में क्रैक की PCS J

    Success Story : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के एक छोटे से गाँव से निकलकर अहद अहमद ने न्यायिक सेवा में अपनी जगह बनाकर एक प्रेरणादायक कहानी लिखी है। गरीबी और अभाव में पले-बढ़े अहद ने न केवल अपने पहले ही प्रयास में यूपी पीसीएस जे (PCS J) परीक्षा क्रैक की, बल्कि आज वह महज 27 साल की उम्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के पद पर तैनात हैं। उनकी यह कहानी ‘मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके ख्वाबों में जान होती है’ को सच साबित करती है।


    पंचर बनाए और मां संग सिले कपड़े

    अहद अहमद का जन्म 20 जुलाई 1997 को प्रयागराज शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर बरई हरख गांव में हुआ था। उनका शुरुआती जीवन घोर गरीबी में बीता। उनके पिता शाहजाद अहमद गाँव में एक छोटी सी साइकिल की दुकान चलाते थे, जिससे पांच लोगों के परिवार का खर्च चलाना मुश्किल था। परिवार का सहारा बनने के लिए उनकी मां सिलाई का काम करती थीं। अहद ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ परिवार को सहारा दिया। वह खाली समय में पिता के साथ साइकिलों के पंचर बनाते थे और मां के साथ लेडीज सूट सिलने में मदद करते थे। अहद ने एक कच्चे मकान से शुरू हुए अपने सफर में कभी हार नहीं मानी। उन्हें यकीन था कि तंगहाली से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता शिक्षा है।

    बिना कोचिंग ऑनलाइन की तैयारी

    अहद ने विषम परिस्थितियों में भी अपनी शिक्षा जारी रखी। उन्होंने 2010 में 10वीं और 2012 में 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, 2019 में उन्होंने बीए एलएलबी (ऑनर्स.) की डिग्री हासिल की और न्यायिक मजिस्ट्रेट (Judicial Magistrate) बनने की तैयारी शुरू की। उन्होंने अपनी न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान शुरू की। खराब वित्तीय स्थिति के कारण वह किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला नहीं ले सकते थे। अहद ने कई इंटरव्यू में बताया है कि उन्होंने जजों की परीक्षा के लिए मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग क्लासेस और संसाधनों की मदद ली। 2024 में, उन्होंने यूपी पीसीएस जे (सिविल जज-जूनियर डिवीजन) की परीक्षा दी और पहले ही अटेंप्ट में 157वीं रैंक हासिल कर ली।

    27 साल में जज, परिवार का असाधारण संकल्प

    आज, 27 साल के अहद अहमद वाराणसी में अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के पद पर अहम फैसले सुनाते हैं। बेटे की सफलता पर उनकी मां ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने और उनके पति ने बच्चों को शिक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत की और यह उसी का फल है। अहद के पिता शाहजाद अहमद का घर बेशक मामूली था, लेकिन शिक्षा के प्रति उनका संकल्प असाधारण था। उन्होंने अपने तीनों बेटों को अच्छी शिक्षा दी। अहद के बड़े भाई समद (30) एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, और सबसे छोटे भाई वजाहत (24) एक निजी बैंक में मैनेजर हैं।

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