बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मधेपुरा जिले की एक महिला के मतदाता पहचान पत्र में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर छप गई है। इस गंभीर त्रुटि के बाद राजनीतिक गलियारों में जमकर बवाल मचा है और लापरवाही बरतने वाली बूथ लेवल अधिकारी (BLO) पार्वती कुमारी के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब मधेपुरा के एक गांव की निवासी महिला को हाल ही में अपना नया मतदाता पहचान पत्र मिला। पहचान पत्र पर अपनी तस्वीर की जगह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर देखकर उनका परिवार सन्न रह गया। महिला के पति चंदन कुमार को डाक के जरिए उनकी पत्नी का वोटर कार्ड प्राप्त हुआ। कार्ड पर नाम, पता और अन्य विवरण सही थे, लेकिन तस्वीर के स्थान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर थी। चंदन कुमार का कहना है कि जब इस संबंध में बीएलओ से संपर्क किया, तो उन्हें मामले को दबाने की सलाह दी।
जांच में यह बात सामने आई कि मतदाता के नाम के अनुरूप सही तस्वीर संलग्न करने के बजाय, संबंधित BLO पार्वती कुमारी ने गलती से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ दिया था। यह एक बड़ी चूक मानी जा रही है, जो चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, जिला निर्वाचन अधिकारी ने तत्काल संज्ञान लिया। शुरुआती जांच में BLO पार्वती कुमारी की घोर लापरवाही सामने आई। निर्वाचन आयोग के सख्त निर्देश पर, पार्वती कुमारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
विपक्षी दलों ने इस घटना को “सत्ता का दुरुपयोग” और “मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास” बताया है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इसे मानवीय त्रुटि करार देते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।