धर्मनगरी उत्तराखंड में गुरुवार शाम अचानक हिंसा भड़क गई। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को अतिक्रमण हटाने को लेकर ऐसा बवाल हुआ कि शहर में इंटरनेट तक ठप्प करना पड़ गया। यह सब कुछ तब हुआ जब इलाके में सरकारी जमीन पर मलिक का बगीचा क्षेत्र में अवैध धार्मिक कब्जा ढहाने की पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची हुई थी। यह पूरी घटना कैसे घटी इसे आप टाइमलाइन से समझ सकते हैं।
- 3:00 बजे अतिक्रमण हटाने के लिए बनभूलपुरा थाने के पास टीमें जुटने लगी।
- 4:23 बजे टीम पुलिस फोर्स के साथ रवाना हुई। 4:30 बजे टीम मलिक के बगीचे में पहुंची।
- 4:40 बजे लोग अतिक्रमण स्थल पर जुटने लगे।
- 4:42 पर लोगों ने विरोध शुरू किया।
- 4:44 पर लोगों ने पुलिस द्वारा लगाई बैरिकेटिंग हटाना शुरू कर दिया।
- 4:51 पर अराजक तत्त्वों ने जेसीबी रोकी।
- 4:55 पर हंगामा शुरू हुआ और पत्थर बाजी हुई।
- 5:17 बजे अतिक्रमण तोड़न की कार्रवाई शरू की।
- 5:20 पर लोगों ने जेसीबी तोडी।
- 5:24 पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आसू गैस के गोले दागे।
- 5:35 पर उपद्रवियों ने वाहनों में आग लगाई।
- 5:54 पर पुलिसकर्मी घायल हुए।
- 6:30 बजे उपद्रवियों ने थाना फूंका।
- 7:00 बजे घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल भेजा।
- 7:30 पर सीएम ने बैठकर कर उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए।
- 7:48 पर शहर में कर्फ्यू का आदेश जारी हुआ।
- 7:55 पर उधमसिंह नगर से और फोर्स हल्द्वानी पहुंची। 8:00 बजे इंटरनेट सेवा बंद की गई।
हिंसा की पल-पल की कहानी
हल्द्वानी में प्रशासन ने अतिक्रमण तोड़ने की योजना तो बना ली, लेकिन इलाके को समझने और अप्रिय घटना की सम्भावनाओ की तलाश नहीं कर पाई। अतिक्रमण वाली जगह के चारों ओर बस्ती बसी है। यहां दो से तीन मंजिला मकान बने हैं, जिनकी गिनती हजारों में है। पुलिस-प्रशासन टीम पर सामने से उपद्रवियों के पथराव करते ही छतों से पत्थरों की बारिश होने लगी। प्रशासन ने पुलिस के जोर से काम निकालने की कोशिश जरूर की, लेकिन उपद्रवी इतने उग्र हो गए, मानों जान लेने पर तुले हों। पत्थरबाजी के साथ उनके रौद्र रूप ने पुलिस फोर्स, प्रशासन और नगर निगम की टीम को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।
गलियों-गलियों में फंस गई पुलिस
अतिक्रमण तोड़ने का जिस जगह पर काम हुआ, वहां जाने का एक ही रास्ता, वह भी महज 10 फुट चौड़ा है। इसके चारों ओर घनी आबादी है, जहां छोटी-छोटी गलियां हैं। जैसे ही टीम पहुंची, मुख्य मार्ग पर बवाल शुरू हो गया। टीम के अंदर घुसने के बाद चारों ओर से विरोध तेज हो गया। इलाके में पांच से अधिक गलियां हैं, जो काफी संकरी हैं और किस गली से कब पत्थर आ रहा था, किसी को अंदाजा ही नहीं लग रहा था। यही वजह रही कि बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी और निगम कर्मी घायल हुए।
जाल में फंस गई पुलिस
बनभूलपुरा की तंग गलियों में उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए अंदर घुस रही पुलिस फोर्स उनके ही जाल में फसती नजर आई। घरों की छतों से पुलिसकर्मियों पर लगातार पथराव होता रहा। बमुश्किल गलियों से बचते-बचाते पुलिसकर्मी किसी तरह मुख्य सड़क पर आ सके। जानकारों की मानें तो बनभूलपुरा में भेजी गई पुलिस फोर्स दूसरे जिलों या अन्य थानों से आई थी जिन्हें इस इलाके का अंदाजा तक नहीं था। अधिकारियों के आदेश का पालन पूरा करने के लिए फोर्स अंदर तो घुस गई, लेकिन वह चक्रव्यूह में फंस गई, जिस कारण जान भी आफत में आ गई।
शहर में मचा बवाल
शहर के हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने हल्द्वानी बस अड्डे को खाली करवा दिया। दिल्ली जाने वाली बसो को भी रोकना पड़ा। इस दौरान दिल्ली जाने वाली करीब 15 बसों को वापस डिपो भेज दिया गया, जबकि सवारी बैठी हुई बसों को तत्काल रवाना किया गया। एआरएम सुरेंद्र बिष्ट ने बताया कि बवाल की सूचना मिलते ही बसों को हटा दिया गया था। दिल्ली रूट की बसें इससे नहीं जा सकी हैं, जबकि ऑनलाइन सेवा की बसें भी निरस्त कर दी गई।
70 से अधिक वाहों को लगाई आग
बनभूलपुरा में उपद्रव के दौरान 70 से अधिक बाहनों को जला दिया गया, जबकि कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान बनभूलपुरा थाने में आग से कई साल पुराने रिकॉर्ड भी जलकर राख हो गए हैं।उपद्रवियों ने तीन जेसीबी समेत 70 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इनमें दो जेबीसी निगम ने किराए पर मंगाई थी, जबकि एक जेसीबी निगम की है। साथ ही निगम के 8 और पुलिस के एक चारपहिया वाहन को आग के हवाले कर दिया गया, जबकि निगम के दो ट्रैक्टर को भी सड़क पर पलटकर आग लगा दी गई थी। साथ ही 40 से अधिक दोपहिया वाहनों को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। बनभूलपुरा की गलियों में देर रात तक जहां-तहां दोपहिया वाहन जलते नजर आए, जिनको न कोई बुझाने वाला था और न ही इनके मालिकों का किसी को पता था।
350 से अधिक बार हुई हवाई फायरिंग
मलिक के बगीचे के चारों ओर से पथराव में फंसने के बाद किसी तरह पुलिस फोर्स यहां से निकलकर मुख्य सड़क पर पहुंच सकी। मगर यहां भी बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया गया था। आग बुझाने पहुंचे दमकल वाहन को भी उपद्रवियों ने आग लगा दी। जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को तितर बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की। इस दौरान एके 47, एसएलआर और पिस्टल से पुलिस ने करीब सैकड़ों राउंड हवाई फायरिंग की। इसके बाद भी पथराब होने पर पैरों में गोली मारी जाने लगी। जानकारी के अनुसार उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस टीम ने 350 राउंड से अधिक बार फायरिंग की। जिसके बाद लोग मौके से इधर उधर होने लगे।