भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान आज पुरी में एक दुखद हादसा हो गया। सारधाबली में गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से अधिक अन्य घायल हो गए। यह घटना सुबह लगभग 4 बजे हुई, जब सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर के पास एकत्र हुए थे। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतक श्रद्धालुओं की पहचान बालापटना की प्रभाती दास (52), बोलागढ़ की बसंती साहू (42) और भुवनेश्वर के प्रेमकांत मोहंती (78) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां छह लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
यह भगदड़ उस समय मची जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ गुंडिचा मंदिर परिसर के पास पहुंचे थे। हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़ पड़े, जिससे अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ नियंत्रण व्यवस्था में कुछ खामियां रहीं, जिसके कारण धक्का-मुक्की हुई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। एक स्थानीय निवासी ने भीड़ प्रबंधन और प्रशासनिक प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि VIPs के लिए एक नया रास्ता बनाया गया था, जबकि आम लोगों को दूर से निकलने के लिए कहा गया, जिससे प्रवेश द्वार पर ही भीड़ बढ़ गई।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाने का कार्य शुरू किया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह दुखद घटना ऐसे समय में हुई है जब लाखों श्रद्धालु वार्षिक रथ यात्रा के लिए पुरी पहुंचे हुए हैं, जिससे पूरे माहौल में शोक की लहर दौड़ गई है।
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और LoP नवीन पटनायक ने ट्वीट किया, मैं पुरी के सारधाबली में हुई दुखद भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले तीन भक्तों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और इस विनाशकारी घटना में घायल हुए भक्तों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं। भगदड़ रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की घोर विफलता के ठीक एक दिन बाद हुई है जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए थे, यह भक्तों के लिए एक शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने में सरकार की स्पष्ट अक्षमता को उजागर करता है।