क्रिकेट सट्टा का चस्का ऐसा है कि कोई भी रातोंरात बर्बाद हो सकता है। जीतने के लिए सटोरिए अपना सबकुछ दांव पर लगा देते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ उप्र में जहां, यूपी रोडवेज के कंडक्टर ने बस के यात्रियों से मिली 65 हजार रुपए की रकम आईपीएल सट्टे में लगा दी। इसके बाद से वह गायब हो गया। जब मामले का खुलासा हुआ तो उसने चुपके से यह रकम जमा करा दी। हालांकि रोडवेज प्रबंधन ने उसे नौकरी से निकाल दिया है। नोटिस देकर इस मामले की जांच की जा रही है।
ऐसे किया गोलमाल
लखनऊ के केसरबाग डिपो में पंकज तिवारी कंडक्टर था और वह रोडवेज बस के साथ दिल्ली गया हुआ था। इसके बाद वह देहरादून भी गया और लखनऊ लौट आया। इस दौरान उसे किराए के 65 हजार रुपए मिले, जिसे उसे डिपो में जमा करना था, लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गया और 10 दिन तक उसका कहीं अता-पता नहीं चला। इस मामले में केसरबाग बस स्टेशन इंचार्ज एके गुप्ता की सांठगांठ भी सामने आई है। आरोप हैं कि उसने मामले कई दिनों तक दबाकर रखा। जब खुलासा हुआ तो उसने चुपके से कैश बैग को जमा करवा दिया। रोडवेज प्रबंधन ने कंडक्टर को तो हटा दिया है और स्टेशन इंचार्ज की भूमिका की जांच भी शुरू कर दी है।