कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह फैसला पूरी तरह से पार्टी हाईकमान के हाथ में है। यह आलाकमान पर छोड़ दिया गया है और उन्हें आगे की कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी अनावश्यक रूप से समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए। खड़गे का यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच कथित तौर पर मतभेद की खबरें चल रही हैं, और सत्ता के बंटवारे को लेकर अंदरूनी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा, “कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई भी निर्णय पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। यह मेरा व्यक्तिगत निर्णय नहीं है और न ही किसी और का। यह पूरी तरह से पार्टी हाईकमान के अधिकार क्षेत्र में आता है।” उन्होंने इन अटकलों को खारिज करने की कोशिश की कि पार्टी के भीतर कोई बड़ी कलह है, लेकिन उनके बयान से यह भी स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
राज्य में पिछले कुछ महीनों से यह चर्चा गर्म है कि सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर ढाई-ढाई साल का फार्मूला तय हुआ था। शिवकुमार के समर्थक लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलना चाहिए। वहीं, सिद्धारमैया भी अपना कार्यकाल पूरा करने की बात कह रहे हैं।
खड़गे ने आगे कहा, “हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के निर्देशों का पालन करते हैं। पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह सभी को मान्य होगा।” उन्होंने यह भी जोर दिया कि पार्टी का प्राथमिक ध्यान कर्नाटक की जनता की सेवा करना और चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करना है।
हालांकि खड़गे ने सीधे तौर पर किसी विवाद को स्वीकार नहीं किया, लेकिन उनके बयान ने साफ कर दिया कि कर्नाटक का राजनीतिक भविष्य अभी भी दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं के पाले में है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है, और क्या कर्नाटक को एक नया मुख्यमंत्री मिलता है।