पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए उनके आवास पर जाना एक अप्रत्याशित घटना है। इस मुलाकात ने राजनीतिक और सुरक्षा हलकों में कई तरह की अटकलों को जन्म दिया है। पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में संघ प्रमुख का प्रधानमंत्री से मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात पूर्व निर्धारित नहीं थी और अचानक हुई। हालांकि मुलाकात के दौरान हुई बातचीत के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
ये मायने निकाले जा रहे
सुरक्षा स्थिति पर चर्चा : पहलगाम हमले के बाद दोनों नेताओं के बीच जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद से निपटने की रणनीति पर चर्चा हो सकती है।
सरकार और संघ का समन्वय : यह मुलाकात सरकार और संघ के बीच समन्वय को दर्शाती है, खासकर ऐसे संवेदनशील समय में।
नीतिगत मुद्दे : दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर भी बातचीत हो सकती है।
मनोबल बढ़ाना : यह मुलाकात सुरक्षा बलों और देशवासियों के मनोबल को बढ़ाने का प्रयास भी हो सकती है।
सुरक्षा पर गहरा मंथन
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब देश की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। इसलिए, इस मुलाकात को सामान्य नहीं माना जा सकता है। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक विश्लेषक और मीडिया इस पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। दरअसल यह पाकिस्तान पर हमले के कारण और महत्वपूर्ण है। सरकार के ऐसे किसी कदम से युद्ध का खतरा है। ऐसे में सभी पहलुओं पर मंथन किया गया।