समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को 55 दिन की संक्षिप्त रिहाई के बाद एक बार फिर जेल भेज दिया गया है। रामपुर की एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड रखने के मामले में दोषी ठहराते हुए सात-सात साल की कैद और 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला वर्ष 2019 में दर्ज किया गया था। वर्तमान भाजपा विधायक और तब के भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर के सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
- मुख्य आरोप: आरोप था कि आजम खान ने अपने बेटे अब्दुल्ला आजम की दो अलग-अलग जन्मतिथियों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए।
- उम्र विवाद: दरअसल, अब्दुल्ला आजम की शैक्षिक प्रमाणपत्रों में वास्तविक जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 थी। इस जन्मतिथि के आधार पर वह 2017 के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु (25 वर्ष) सीमा को पूरा नहीं करते थे।
- फर्जीवाड़ा: आरोप है कि चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने दूसरा पैन कार्ड बनवाया जिसमें जन्म वर्ष 1990 दर्ज कराया गया, जिससे वह चुनाव लड़ने के लिए योग्य बन सकें।
- हाईकोर्ट से झटका: इस जन्मतिथि विवाद के चलते हाईकोर्ट ने 2017 में स्वार सीट से जीते अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी निरस्त कर दी थी।
सोमवार (17 नवंबर 2025) को कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आजम खान और अब्दुल्ला आजम दोनों को दोषी ठहराया और सजा का ऐलान किया। फैसले के तुरंत बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया।
रामपुर जेल में नया ठिकाना
सजा सुनाए जाने के बाद पिता-पुत्र को कड़ी सुरक्षा के बीच रामपुर जिला जेल ले जाया गया।
- आजम खान को रामपुर जेल की बैरक नंबर एक आवंटित की गई है। जेल प्रशासन ने कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्हें कैदी नंबर भी दिया है।
- आजम खान लगभग 55 दिन पहले, 23 सितंबर 2025 को सीतापुर जेल से रिहा हुए थे, जब उन्हें कई मामलों में जमानत मिल गई थी।
- जेल जाने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए आजम खान ने सिर्फ इतना कहा, “कोर्ट का फैसला है, अदालत ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है।”
इससे पहले, 18 अक्टूबर 2023 को भी आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में कोर्ट ने सात-सात साल की सजा सुनाई थी, हालांकि उस मामले में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।


