क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार करने के बाद लेह से राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद हुई, जिसमें चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे।
जोधपुर भेजने का कारण: ‘शांति और जनहित’
लद्दाख प्रशासन ने एक प्रेस रिलीज जारी कर विस्तार से बताया है कि सोनम वांगचुक को लेह से जोधपुर क्यों भेजना पड़ा। प्रशासन ने लेह हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रशासन के बयान के अनुसार:
- सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना: लद्दाख के शांतिप्रिय लेह शहर में सामान्य स्थिति बहाल करना जरूरी था।
- हिंसा भड़काने से रोकना: यह सुनिश्चित करना आवश्यक था कि वांगचुक आगे भी सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए हानिकारक कार्य करने से रुके।
- भड़काऊ भाषण: प्रशासन ने उनके भड़काऊ भाषणों और वीडियो का हवाला दिया।
- जनहित: इन सभी तथ्यों और खास सूचनाओं को देखते हुए, व्यापक जनहित में उन्हें लेह जिले में रखना उचित नहीं था, इसलिए उन्हें जोधपुर जेल भेजने का फैसला लिया गया।
वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप
24 सितंबर को लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर समेत सुरक्षा बलों के वाहन को भी आग के हवाले कर दिया।
हिंसा भड़कने से ठीक पहले तक वांगचुक भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन हिंसा होते ही उन्होंने आनन-फानन में अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी। हिंसा के दो दिन बाद, प्रशासन ने उन पर ‘हिंसा भड़काने’ का आरोप लगाते हुए NSA लगाया और उन्हें हिरासत में ले लिया। उनके कई वीडियो वायरल हैं, जिनमें वह भड़काऊ बयान देते नजर आ रहे हैं।