दिसंबर के मध्य तक पहुंचते-पहुंचते, सर्दी अब शबाब पर है, जिससे देश के अधिकांश हिस्से तीखी शीतलहर की चपेट में हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी ने ठंड की धार को और तेज कर दिया है, जिसके कारण मैदानी इलाकों में भी ठिठुरन बढ़ गई है।
पहाड़ों का हाल और मैदानी असर
- पहाड़ी राज्यों, खासकर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। इससे पर्वतीय मार्ग पर फिसलन और यातायात बाधित होने की आशंका जताई गई है।
- कश्मीर घाटी में तापमान माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है, जो इस समय देश का सबसे कम तापमान है।
- पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का सीधा असर अब मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर के रूप में दिखाई दे रहा है। हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत समूचा उत्तर भारत कँपकँपाती सर्द हवाओं की चपेट में है।
दिल्ली-NCR और उत्तर प्रदेश में कोहरा
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में भी मौसम बदलने लगा है। धूप हल्की हो गई है और धुंध का दायरा बढ़ रहा है।
- मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश में विशेष सतर्कता की आवश्यकता जताई है, जहाँ आने वाले दिनों में कोहरे की तीव्रता जनजीवन और यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुत घना कोहरा छाने की संभावना है।
- दिल्ली-एनसीआर में ठंड के साथ-साथ प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या बना हुआ है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
असामान्य इलाकों में भी अलर्ट
इस बार विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और ओडिशा जैसे वे इलाके, जहाँ आमतौर पर शीतलहर दुर्लभ मानी जाती है, वहाँ भी सर्द हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और जेट स्ट्रीम में आए असंतुलन का परिणाम है, जिसने ठंडी हवा को सामान्य से अधिक दक्षिण की ओर धकेल दिया है।
अगले कुछ दिनों तक तापमान में और गिरावट आने, शीतलहर की तीव्रता बढ़ने और घने कोहरे की स्थिति बनी रहने की संभावना है।


