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    भारत की गोद में बैठकर..? ख्वाजा आसिफ की चेतावनी, सभी अफगानी बाहर निकलें

    पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। पाकिस्तान द्वारा कथित तौर पर युद्धविराम का उल्लंघन कर किए गए हवाई हमलों में तीन अफगान क्रिकेटरों सहित कई नागरिकों के मारे जाने के बाद अफगानों का गुस्सा भड़का हुआ है।

    इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक तीखी चेतावनी जारी करते हुए पाकिस्तान में रहने वाले सभी अफगानों को देश छोड़कर अपने वतन लौटने को कहा है।

    अफगानियों को देश छोड़ने की चेतावनी: रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “पाकिस्तानी धरती पर रहने वाले सभी अफगानों को अपने वतन लौटना होगा। अब काबुल में उनकी अपनी सरकार और अपनी खिलाफत है। हमारी जमीन और संसाधन 25 करोड़ पाकिस्तानियों के हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान के साथ पुराने रिश्तों का दौर अब खत्म हो चुका है, और पाकिस्तान अब काबुल के साथ पहले जैसे संबंध बनाए रखने का जोखिम नहीं उठा सकता।

    भारत पर साजिश का आरोप: ख्वाजा आसिफ ने तालिबान सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि काबुल के शासक “भारत के प्रतिनिधि” के रूप में काम कर रहे हैं और नई दिल्ली तथा प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा, “काबुल के शासक, जो अब भारत की गोद में बैठे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, कभी हमारी सुरक्षा में थे, हमारी जमीन पर छिपे हुए थे।”

    युद्धविराम का उल्लंघन और भविष्य की कार्रवाई: यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान के हवाई हमलों के बाद 48 घंटे का युद्धविराम टूट गया है। एक सीनियर तालिबान अधिकारी ने युद्धविराम टूटने की पुष्टि की है। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान ने सीमा पार से हो रही आतंकी घटनाओं को लेकर अफगानिस्तान को 836 विरोध पत्र और 13 डेमार्श भेजे थे, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

    उन्होंने चेतावनी दी, “अब कोई विरोध पत्र या शांति की अपील नहीं होगी। कोई भी प्रतिनिधिमंडल काबुल नहीं जाएगा। आतंकवाद का स्रोत चाहे कहीं भी हो, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर अफगान तालिबान संघर्ष चाहता है तो पाकिस्तान उसकी “युद्ध की इच्छा” को पूरा करने के लिए तैयार है।

    ज्ञात हो कि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद लाखों अफगान देश छोड़कर पाकिस्तान आ गए थे। पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान लगभग 10 से 12 लाख अफगान शरणार्थियों को जबरन देश से बाहर निकाल चुका है।

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