राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को रविवार (27 जुलाई 2025) को जोधपुर में एक दिलचस्प स्थिति का सामना करना पड़ा। उनका काफिला जब अपने निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा से गुजर रहा था, तभी कुछ युवा लड़कों ने उनकी गाड़ी रोक दी। इन लड़कों ने गहलोत से आग्रह किया कि वह अपनी पुरानी गाड़ी बदलकर एक नई और महंगी ‘लैंड रोवर डिफेंडर’ एसयूवी ले लें।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब गहलोत की गाड़ी रुकी, तो युवा लड़के उनके पास आए और कहने लगे, “सर, प्लीज! अब तो डिफेंडर ले लो। आप इतने बड़े नेता हैं, आपकी गाड़ी भी दमदार होनी चाहिए।” उनकी बात सुनकर अशोक गहलोत मुस्कुराए और अपनी चिर-परिचित सहज शैली में जवाब दिया।
गहलोत ने युवाओं से कहा, “अरे भई, नेतागीरी गाड़ी से नहीं, काम से होती है!” उन्होंने आगे समझाया कि उनके लिए जनता की सेवा और विकास कार्य सबसे महत्वपूर्ण हैं, न कि लग्जरी गाड़ियां। गहलोत ने अपनी सादगी और जमीनी जुड़ाव का संदेश दिया, जिसकी लोग अक्सर तारीफ करते हैं।
यह घटना तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जहां लोगों ने गहलोत की इस प्रतिक्रिया की सराहना की। कई यूजर्स ने लिखा कि यह दिखाता है कि कैसे एक अनुभवी नेता अपने सिद्धांतों पर अडिग रहता है। गहलोत अपनी सादगी और आम आदमी से जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी अक्सर पुरानी गाड़ियों और साधारण जीवनशैली को प्राथमिकता दी है।
यह प्रसंग एक बार फिर इस बात को उजागर करता है कि भारतीय राजनीति में कुछ नेता अभी भी दिखावे से ज्यादा काम और सादगी को महत्व देते हैं, जो उन्हें जनता के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाता है।


