उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामूहिक विवाह योजना में एक और महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब इस योजना के तहत शादी करने वाली कन्याओं को उपहारों के साथ-साथ सिंदूर भी दान किया जाएगा, जो भारतीय परंपरा में सुहाग का प्रतीक माना जाता है। यह निर्णय योजना को और अधिक पारंपरिक और भावनात्मक रूप से समृद्ध बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को इस बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लगातार विस्तार किया जा रहा है ताकि गरीब और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी में मदद की जा सके। पहले से ही इस योजना के तहत सरकार द्वारा आर्थिक सहायता, उपहार और विवाह संबंधी अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही थीं।
योजना का उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को उनकी बेटियों की शादी का खर्च उठाने में मदद करना है। इस योजना के तहत सरकार प्रति जोड़े पर 51,000 का खर्च करती है। प्रति जोड़ा खर्च 51 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किए जाने का शासनादेश भी जारी किया गया है।
सिंदूर दान का महत्व
भारतीय संस्कृति में सिंदूर का विशेष महत्व है, जो विवाहित महिला के सुहाग और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सामूहिक विवाह योजना में सिंदूर को शामिल करने का यह निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के प्रति सरकार के सम्मान को दर्शाता है, और इससे नवविवाहित जोड़ों को एक पवित्र और पारंपरिक शुरुआत का अहसास होगा।यह कदम योजना को और अधिक समावेशी और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील बनाता है, जिससे दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में भी इसकी स्वीकार्यता बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल गरीब परिवारों की बेटियों की शादी को गरिमापूर्ण तरीके से संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

