भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री कैप्टन शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन के लिए चयन न सिर्फ भारत के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि उनकी इस अविश्वसनीय यात्रा में उनकी हमसफर, डॉ. कामना मिश्रा, का भी अहम योगदान रहा है। कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने स्वयं कई बार सार्वजनिक मंचों पर अपनी पत्नी डॉ. कामना मिश्रा को अपनी सफलता का श्रेय दिया है, जिन्होंने उनके सपनों को पूरा करने में हर कदम पर उनका साथ दिया। Axiom-4 मिशन पर कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उड़ान, उनकी और डॉ. कामना मिश्रा की साझा प्रतिबद्धता और सपनों को पूरा करने के जुनून का प्रतीक है। उनकी कहानी कई युवाओं को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी।
कौन हैं डॉ. कामना मिश्रा?
डॉ. कामना मिश्रा स्वयं एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और शोधकर्ता हैं। उनका मुख्य शोध क्षेत्र बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष जीव विज्ञान है। उन्होंने अपनी पीएच.डी. एयरोस्पेस मेडिसिन में की है और वर्तमान में एक प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में कार्यरत हैं। उनकी विशेषज्ञता अंतरिक्ष यात्रा के दौरान मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों और उससे निपटने के तरीकों पर केंद्रित है।
बताया जाता है कि डॉ. कामना ने शुभांशु के अंतरिक्ष यात्री बनने के सपने को साकार करने में न केवल नैतिक समर्थन दिया, बल्कि वैज्ञानिक और तकनीकी पहलुओं पर भी उनकी मदद की। उन्होंने शुभांशु को कठिन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक वैज्ञानिक होने के नाते, उन्होंने शुभांशु को अंतरिक्ष विज्ञान की नवीनतम जानकारियों से अपडेट रखने में भी मदद की, जो उनके चयन प्रक्रिया में सहायक सिद्ध हुई।
दोनों की मुलाकात इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान हुई थी और तभी से वे एक-दूसरे के मजबूत स्तंभ रहे हैं। डॉ. कामना मिश्रा ने कई बार कहा है कि शुभांशु का समर्पण और कड़ी मेहनत ही उनकी प्रेरणा है। वहीं, शुभांशु शुक्ला का कहना है कि कामना की समझदारी, समर्थन और वैज्ञानिक पृष्ठभूमि ने उन्हें अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहने में मदद की।