कनाडा में हुए संसदीय चुनाव पर सबकी नजरें टिकी हुई थीं। इसके नतीजे घोषित हो गए हैं और इन चुनाव में खालिस्तानियों को बहुत बड़ा झटका लगा है। खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता जगमीत सिंह खुद चुनाव हार गए हैं। उनकी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ संबंध खराब कर लिए थे। जगमीत न्यू डेमोक्रेट्स पार्टी के नेता हैं, जो कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री ट्रूडो के गठबंधन सहयोगी थे। चुनाव हारने के बाद जसमीत ने पार्टी की कमान छोडऩे का फैसला कर लिया है। गौरतबल है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप लगाए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। आतंकवादी निज्जर को कनाडा में एक सिख मंदिर के बाहर गोली मार दी गई थी।
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी को बढ़त
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने कनाडा के संघीय चुनाव में जीत हासिल कर ली है। वे जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफा देने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री बने थे। जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री थे, तब उनकी लिबरल पार्टी चुनाव में बुरी तरह से हारती दिख रही थी, लेकिन मार्क कार्नी के आने के बाद पार्टी ने अपने प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार करते हुए चुनाव में जीत दर्ज की है। इन चुनाव में खालिस्तानी एनडीपी नेता जगमीत सिंह बर्नबाई सेंट्रल राइडिंग में तीसरे स्थान पर रहे।
ट्रंप के कारण बदली स्थिति
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफा देने और ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद स्थिति बदल गई है। ट्रंप बार-बार कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की धमकी दे रहे थे। उन्होंने कनाडा के ऊपर भारी भरकम टैरिफ लगाने का ऐलान भी कर दिया। जिसके खिलाफ कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी भी डटकर खड़े हो गए थे। उन्होंने इसे कनाडा की संप्रभुता का मामला बताया और राष्ट्रवाद की भावना के आधार पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस जीत के साथ लिबरल पार्टी को लगातार चौथी बार सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है।
कनाडा चुनाव में खालिस्तानियों को झटका.. अलगाववादी नेता जगमीत सिंह की हार
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