देशभर में मंदिर-मस्जिद और धर्मस्थलों पर विवाद की खबरें तो आते रहती हैं, लेकिन सांप्रदायिक सद्भाव का उदाहरण कम ही देखने को मिलता है। लेकिन केरल में ऐसा देखने को मिला जब एक समुदाय ने सहृदयता दिखाते हुए जमीन का बड़ा भू-भाग दूसरे संप्रदाय को सौंप दिया। दरअसल केरल के पलाई में कैथोलिक धर्मप्रांत के स्वामित्व वाली भूमि पर एक मंदिर के अवशेष पाए गए। जब 1.8 एकड़ जमीन पर खेती के लिए खुदाई की जा रही थी, तभी शिवलिंग समेत मंदिर के अवशेष मिले। फिर क्या था, ईसाईयों ने यह जमीन हिंदुओं को सौंपने में देर नहीं की। अब पलाई कैथोलिक डायोसिस के स्वामित्व वाली भूमि पर पूजा भी शुरू हो गई है।
शिवलिंग और मंदिर के अवशेष मिले
दरअसल टैपिओका की खेती के लिए 1.8 एकड़ जमीन को जोतने के लिए यहां अर्थमूवर का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस दौरान शिवलिंग और मंदिर के अवशेष मिले। चर्च की जिस समीन पर मंदिर के अवशेष पाए गए, वह भूमि पलाई के पास वेल्लाप्पाडु में श्रीवनदुर्गा भगवती मंदिर से करीब एक किमी दूर है। मंदिर के अधिकारी और लोग यहां पहुंचे और यहां पूजा-पाठ शुरू कर दी। बिशप से पुजारियों ने संपर्क किया। चर्च ने इस जमीन पर हिंदू भक्तों को देवप्रसनम आयोजित करने की अनुमति दी। दरअसल देवप्रसनम एक ज्योतिषीय अनुष्ठान है, जिसमें भगवान को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान किया जाता है।
हिंदू समुदाय के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध
पलाई के डायोसिस के कुलाधिपति जोसेफ कुट्टियांकल ने कहा कि पलाई में हिंदू समुदाय के साथ हमारे बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध है। हमारे डायोसिस का उनकी मांगों के प्रति बहुत प्यार भरा दृष्टिकोण है। वहीं दावा है कि लगभग 200 साल पहले यहां मंदिर अस्तित्व में था। एक ब्राह्मण परिवार के पास मंदिर के साथ ही जमीन थी। लेकिन समय के साथ इसे छोड़ दिया गया और मंदिर इतिहास बन गया।