उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ जारी अभियान के तहत सोमवार सुबह यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को बड़ी कामयाबी मिली है। कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा और माफिया मुख्तार अंसारी गिरोह का शार्प शूटर शाहरुख पठान मुजफ्फरनगर में हुई एक मुठभेड़ में ढेर हो गया। शाहरुख पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और उस पर हत्या, रंगदारी और अन्य गंभीर अपराधों के दर्जनों मुकदमे दर्ज थे।
एसटीएफ की मेरठ यूनिट को सूचना मिली थी कि शाहरुख पठान छपार थाना क्षेत्र में सक्रिय है। आज सुबह जब एसटीएफ की टीम ने उसे घेरने की कोशिश की, तो शाहरुख ने पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ की टीम ने भी फायरिंग की, जिसमें शाहरुख को गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, शाहरुख पठान एक बेहद खतरनाक अपराधी था, जिसका आपराधिक नेटवर्क मुजफ्फरनगर से लेकर हरिद्वार तक फैला हुआ था। वह संजीव जीवा का खास शूटर था और बाद में उसका मुख्तार अंसारी गिरोह से भी संबंध बन गया था। बताया जा रहा है कि जेल में रहने के दौरान वह संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया था।
शाहरुख पठान के आपराधिक इतिहास में कई सनसनीखेज वारदातें शामिल हैं। 2015 में उसने मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में आसिफ जायदा नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इसके बाद 2017 में उसने इसी हत्या के गवाह आसिफ के पिता की भी गोली मारकर हत्या कर दी। वह हरिद्वार में एक कंबल व्यापारी की हत्या में भी वांछित था। हाल ही में वह जमानत पर छूटा था और गवाहों को धमकाने की गतिविधियों में लिप्त था।
इस मुठभेड़ के बाद पुलिस ने शाहरुख पठान के पास से एक इटली की विरेजा पिस्टल, एक इंडियन मेड पिस्टल, एक रिवॉल्वर और एक ब्रेजा कार बरामद की है। एसटीएफ का कहना है कि शाहरुख पठान के ढेर होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। संजीव जीवा की दो साल पहले 2023 में लखनऊ कोर्ट में हत्या कर दी गई थी, लेकिन उसका गिरोह अभी भी सक्रिय रहकर आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहा था। शाहरुख पठान का मारा जाना इस गिरोह के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।