अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्सों में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इस शक्तिशाली भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या 900 से अधिक हो गई है, जबकि 3000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि सुदूर और दुर्गम इलाकों में बचाव दलों के पहुँचने के बाद हताहतों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है।
भूकंप का असर इतना विनाशकारी था कि कई गांव पूरी तरह से मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं। कई जगहों पर संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है और हजारों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। लोगों को खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर होना पड़ रहा है।
अफगान अधिकारियों ने तुरंत बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है। बचाव दल लगातार मलबे में दबे हुए जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन सीमित संसाधनों और कठिन रास्तों के कारण राहत कार्यों में भारी मुश्किलें आ रही हैं। इस मानवीय आपदा के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है।
भारत ने भी इस दुख की घड़ी में अफगानिस्तान के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। भारत की तरफ से मानवीय सहायता के तौर पर राहत सामग्री भेजी गई है, साथ ही यह भी बताया गया है कि आने वाले दिनों में और भी मदद भेजी जाएगी। संयुक्त राष्ट्र सहित कई वैश्विक संगठन भी राहत और पुनर्वास कार्यों में सहयोग कर रहे हैं। इस त्रासदी ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया है और सभी की निगाहें अब बचाव अभियान पर टिकी हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके।