उत्तर भारत में मौसम ने तेज़ी से करवट ली है, जिससे मैदानी और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के बाद चली ठंडी पछुआ हवाओं ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सहित मैदानी राज्यों में न्यूनतम तापमान को काफी नीचे ला दिया है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी रहने की चेतावनी दी है, जिससे लोगों को ठंड से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में जमाव बिंदु
कश्मीर घाटी में ठंड का सितम अपने चरम पर है, जहाँ न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे (माइनस में) चला गया है।श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 0.2°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से काफी कम है। गुलमर्ग में यह माइनस 2.3°C तक गिर गया है, जिससे झीलें और जल स्रोत जमने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में भी पारा लगातार गिर रहा है, जिससे सुबह-शाम गलन और ठिठुरन महसूस हो रही है। मौसम विभाग ने पहाड़ों पर न्यूनतम तापमान शून्य के करीब रहने का अनुमान जताया है।
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में शीतलहर
पंजाब और हरियाणा में ठंड का प्रकोप सबसे अधिक है, जहाँ कई स्थानों पर शीतलहर (Cold Wave) की स्थिति बन गई है। हरियाणा के हिसार और नारनौल जैसे जिलों में रात का तापमान गिरकर 7 से 8°C के आसपास रिकॉर्ड किया गया है। इन राज्यों में औसत न्यूनतम तापमान 10°C से नीचे बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी ठंड में तेज़ी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिल्ली-NCR में न्यूनतम तापमान गिरकर 10°C से 11°C के बीच आ गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों में पारा 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक और लुढ़क सकता है, जिससे ठंड और बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश और राजस्थान का हाल
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी तापमान में गिरावट आई है और कुछ ज़िलों में घना कोहरा छाने लगा है। बरेली, मुरादाबाद और कानपुर जैसे शहरों में सुबह के समय दृश्यता (Visibility) काफी कम दर्ज की गई है।
- राजस्थान के कुछ आंतरिक हिस्सों में भी शीतलहर का प्रभाव दिखने लगा है।


