उत्तर प्रदेश एटीएस ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए आईएस (इस्लामिक स्टेट) के संदिग्ध आतंकी अदनान की एक बड़ी साजिश का खुलासा किया है। अदनान अयोध्या के राम मंदिर समेत प्रदेश के कई हिंदू धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की फिराक में था।
भोपाल निवासी अदनान पहले भी एटीएस के निशाने पर आ चुका है। बीते वर्ष जून माह में उसने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने वाले हाई कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर को इंस्टाग्राम पर धमकी दी थी। उसने जज की फोटो पोस्ट करते हुए “काफिर का खून हलाल है” लिखा था, जिसके बाद एटीएस ने उसे भोपाल से गिरफ्तार किया था। हालांकि, वह करीब पाँच महीने बाद जमानत पर छूट गया था और भोपाल में जिहादी गतिविधियों की साजिश रचने लगा था।
राम मंदिर निशाने पर: एटीएस की जांच
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दोबारा गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही यूपी एटीएस की टीम तत्काल दिल्ली भेजी गई, जो बीते 48 घंटे से लगातार अदनान से पूछताछ कर रही है।
- नाराजगी का कारण: जांच में सामने आया है कि वह मुस्लिमों और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने को लेकर खासा नाराज था।
- सीरियाई आका से निर्देश: अदनान को सीरिया में बैठे उसके “खलीफा” द्वारा भेजे गए कई वीडियो मिले हैं, जिनमें राम मंदिर समेत यूपी के कई धार्मिक स्थलों का जिक्र है। इन वीडियो से जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।
- यूपी में आवागमन: एटीएस यह पता लगाने में जुटी है कि अदनान कितनी बार उत्तर प्रदेश आया था और किन शहरों में उसने रेकी की थी।
प्रधानमंत्री के दौरे से बढ़ी सतर्कता
आगामी 21 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले हैं। इस बड़े कार्यक्रम के मद्देनजर एटीएस अदनान के मंसूबों और संभावित नेटवर्क का पता लगाने में खास सतर्कता बरत रही है। अदनान की साजिशों का खुलासा होने के बाद प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


