करिश्मा कपूर के एक्स हसबैंड संजय कपूर इस दुनिया से विदा हो चुके हैं लेकिन उनके बिजनेस कौशल का लोहा हर कोई मानता है। भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में संजय कपूर का नाम एक ऐसे दूरदर्शी उद्यमी के रूप में है, जिन्होंने अपनी लगन और अभिनव सोच से सोना कॉमस्टार (Sona Comstar) जैसी दिग्गज कंपनी को 31,000 करोड़ रुपये से अधिक के मार्केट कैप वाली वैश्विक शक्ति बना दिया। उनकी यात्रा केवल एक व्यापारिक सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह दृढ़ संकल्प, रणनीतिक निवेश और भविष्य के लिए तैयार रहने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि कंपनी एलन मस्क की टेस्ला (Tesla) जैसी वैश्विक ईवी दिग्गज को भी अपने ऑटो पार्ट्स बेचती है, जो उनकी तकनीकी क्षमता और गुणवत्ता का प्रमाण है।
संजय कपूर का मानना था कि भारत में ऑटो पार्ट्स के निर्माण में अपार संभावनाएं हैं, खासकर वैश्विक बाजारों के लिए। उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाते हुए, सोना कॉमस्टार को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और उच्च-गुणवत्ता वाले उत्पादों पर केंद्रित किया। कंपनी ने शुरुआत में पारंपरिक ऑटोमोबाइल सेगमेंट के लिए पार्ट्स बनाना शुरू किया, लेकिन संजय कपूर ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रांति के बढ़ते महत्व को समय रहते पहचान लिया।
यह दूरदर्शिता ही थी जिसने सोना कॉमस्टार को ईवी कंपोनेंट्स के निर्माण में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शोध और विकास में भारी निवेश किया, जिससे कंपनी डिफरेंशियल असेंबली, मोटर और कंट्रोलर जैसे महत्वपूर्ण ईवी पार्ट्स के उत्पादन में अग्रणी बन गई। यह रणनीतिक बदलाव बेहद सफल साबित हुआ और आज सोना कॉमस्टार न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रमुख ईवी निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा सप्लायर है।
आज, सोना कॉमस्टार सिर्फ एक ऑटो पार्ट्स निर्माता नहीं है, बल्कि यह एक प्रौद्योगिकी-संचालित कंपनी है जो स्थिरता और नवाचार के सिद्धांतों पर आधारित है। संजय कपूर की नेतृत्व क्षमता और जोखिम लेने की इच्छा ने इस कंपनी को एक स्थानीय खिलाड़ी से वैश्विक लीडर में बदल दिया। उनकी कहानी कई aspiring उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।