बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और नामांकन की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है, लेकिन विपक्षी ‘इंडिया’ (INDIA) गठबंधन के प्रमुख घटक दलों आरजेडी (RJD) और कांग्रेस के बीच अभी तक सीट बंटवारे (Seat Sharing) का आधिकारिक ऐलान नहीं हो पाया है। इस गतिरोध के बावजूद, गठबंधन में शामिल दल अनौपचारिक रूप से अपने प्रत्याशियों को चुनावी तैयारियों के लिए हरी झंडी दे रहे हैं। चुनाव की तारीखें (6 और 11 नवंबर को मतदान, 14 नवंबर को नतीजे) घोषित होने के बाद, गठबंधन पर जल्द से जल्द मतभेद दूर कर एकजुट होने का दबाव है ताकि सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) को टक्कर दी जा सके।
कांग्रेस ने बढ़ाया दबाव
रिपोर्ट के अनुसार, सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर दबाव बढ़ा दिया है।
- कांग्रेस का दावा: कांग्रेस ने अपनी संभावित सीटों पर लगभग 25 प्रत्याशियों के नामों को तय कर लिया है।
- दावे और ऑफर: सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 75 सीटों की मांग कर रही है, जबकि आरजेडी ने उसे लगभग 54-58 सीटों का ऑफर दिया है। 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
- संदेश: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि यह कदम गठबंधन के सहयोगियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि वे अब सीटों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे और स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा मुहर लगाई गई सीटों पर ही लड़ेंगे। यदि साझा घोषणा में देरी होती है, तो कांग्रेस पहले चरण की सीटों पर एकतरफा घोषणा कर सकती है।
महागठबंधन में अन्य चुनौतियाँ
आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कई अन्य पेंच भी फंसे हुए हैं:
- वीआईपी की मांग: मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) कथित तौर पर 40 से अधिक सीटों की मांग पर अड़ी है, जबकि आरजेडी उन्हें 18-20 सीटें देने के मूड में है।
- वाम दलों की खींचतान: सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) ने भी अपनी मांग बढ़ाते हुए आरजेडी को 30 सीटों की एक नई ‘अटल’ सूची भेजी है।
- सीएम पद पर गतिरोध: सहयोगी दलों के बीच अभी भी तेजस्वी यादव के नाम पर सीएम चेहरे के तौर पर पूरी सहमति नहीं बन पाई है।


