मुख्यमंत्री ने भारत के विनिर्माण विकास में प्रदेश की सहभागिता पर कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को किया संबोधित, नीति आयोग ने किया आयोजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुशासन के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अभिनंदनीय है। नीति आयोग ने देश की विकास प्रक्रिया को गति और निश्चित दिशा प्रदान की है। पंचवर्षीय योजनाओं के काल में अव्यवहारिक दृष्टिकोण और योजनाओं ने देश की प्रगति को प्रभावित किया। सकारात्मक सोच के अभाव में क्षमता, योग्यता व सामथ्र्य होते हुए भी देश में प्रतिभाएं घुटन महसूस करती थीं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता के विश्वास के साथ योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं। यह बात मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहीं। वे नीति आयोग की कार्यशाला में बोल रहे थे।
अर्थव्यवस्था की सुरक्षा व स्थायित्व के लिए आवश्यक
कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में नीति आयोग की भारत के विनिर्माण विकास में प्रदेश की सहभागिता विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला हुई। नीति आयोग के प्रवाकर साहू ने कार्यशाला की रूपरेखा से अवगत कराया। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने देश को अपनी सामथ्र्य पहचानने का अवसर प्रदान किया है। राज्य स्तर पर विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि, देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है। विनिर्माण क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन करता है। यह घरेलू बाजार में माल की आपूर्ति सशक्त करने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता और अर्थव्यवस्था की सुरक्षा व स्थायित्व के लिए भी आवश्यक है।
खनन में प्रदेश नंबर 1
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश, खनन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है। यह नई नीतियां लागू करने के साहस और नवाचारों के परिणाम स्वरूप संभव हुआ है। अब सरकारें संबंधित समूहों से संवाद कर और उन्हें विश्वास में लेकर नीतियां क्रियान्वित कर रही हैं। हमारा अतीत सुशासन और बौद्धिक दृष्टि से बहुत संपन्न व समृद्ध रहा है। सम्राट विक्रमादित्य का सुशासन रामराज्य की याद दिलाता है। नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम, आयोग के सदस्य सी. के. सारस्वत व अरविंद विरमानी के वक्तव्य भी हुए।