पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की रहने वाली सरिता पटेल उन लाखों महिलाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं, जिन्होंने सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच अपने सपनों को ज़िंदा रखा। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि उम्र और परिस्थिति कभी भी सपनों के रास्ते में बाधा नहीं बनतीं, अगर आप में हौसला हो।
बचपन के सपने और जल्दी शादी सरिता पटेल को बचपन से ही डांस और एक्टिंग में गहरी रुचि थी। उनका सपना मंच पर अभिनय करने और फिल्मों में काम करने का था। हालाँकि, ये सपने तब अधूरे रह गए जब मात्र 16 वर्ष की उम्र में उनकी शादी हो गई। उस दौर की सामाजिक सोच के चलते उन्हें अपने सपनों को पीछे छोड़कर पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ संभालनी पड़ीं।
सरिता कहती हैं, “उस दौर में समाज और परिवार की सोच ऐसी थी कि लड़कियों का प्राथमिक कर्तव्य परिवार और घर की देखभाल करना माना जाता था।”
13 साल बाद मिला अवसर शादी के 13 साल बाद सरिता के जीवन में एक नया मोड़ आया। उन्होंने सोनी सब चैनल के कार्यक्रम ‘हैप्पी हाउसवाइव्स क्लब’ में भाग लिया। यह शो उनके लिए सिर्फ एक टीवी शो नहीं, बल्कि अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने रखने का पहला मंच बना।
सरिता ने बताया, “यह एक ऐसी चुनौती थी, जिसमें मैंने अपनी इच्छाशक्ति और मेहनत से साबित किया कि उम्र और परिस्थिति कभी भी सपनों के रास्ते में बाधा नहीं बनतीं।” इस शो ने उन्हें अभिनय के महत्वपूर्ण कौशल सिखाए और उन्हें बॉलीवुड तथा अन्य रियलिटी शोज में काम करने के लिए प्रेरित किया।
परिवार पहले, फिर मिली पहली फ़िल्म ‘हैप्पी हाउसवाइव्स क्लब’ के अनुभव के बाद उन्होंने महुआ टीवी पर आने वाले एक और रियलिटी शो में भाग लिया। वह बेहतरीन प्रदर्शन कर रही थीं, लेकिन उसी दौरान परिवार में एक करीबी की मृत्यु हो जाने के कारण उन्हें शो बीच में ही छोड़कर वापस लौटना पड़ा।
इस घटना की कसक मन में होने के बावजूद, सरिता ने परिवार को प्राथमिकता दी। बाद में एक डायरेक्टर ने उनसे संपर्क किया, जिन्हें रियलिटी शो में उनकी पर्सनालिटी पसंद आई थी। उस डायरेक्टर ने उन्हें अपनी फ़िल्म ‘इश्क क्लिक’ में काम करने का मौका दिया। इस फ़िल्म के बाद से सरिता ने लगातार फ़िल्मों और वेब सीरीज़ में काम करना शुरू कर दिया।
सफलता का मंत्र: धैर्य और मेहनत सरिता पटेल आज बॉलीवुड फिल्मों और रियलिटी शोज में एक स्थापित चेहरा हैं। वह मानती हैं कि परिवार और कॅरिअर, दोनों को साथ लेकर चलना संभव है।
वह कहती हैं, “थोड़ी परेशानियां-कठिनाइयां आती हैं, लेकिन अगर हर चुनौती का सामना धैर्य और मेहनत से किया जाए तो अंत में आपको वो मुकाम हासिल होता है, जो आप चाहती हैं।” सरिता के लिए उनके परिवार का सहयोग और समर्थन उनकी सबसे बड़ी ताकत बना, जिसने उनके बचपन के शौक को उनके सफल कॅरिअर में बदल दिया।