यह किस्सा बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर साझा किया है। यह कहानी चेन्नई के पास शिवनेरी नामक एक छोटे से गाँव में हुई एक घटना से संबंधित है। संजय दत्त ने बताया था कि वह एक दोस्त के कहने पर शिवनेरी गए थे, जहाँ एक ज्योतिषी या पुजारी अंगूठे के निशान (थंब प्रिंट) के माध्यम से किसी व्यक्ति का पत्ता (व्यक्तिगत और पारिवारिक विवरण) ढूंढते हैं और उसके पिछले जन्म के बारे में बताते हैं। पुजारी ने पहले संजय दत्त के वर्तमान जीवन के बारे में कई चौंकाने वाली बातें बताईं, यहाँ तक कि उनके माता-पिता के वास्तविक नाम भी बताए, जिससे संजय दत्त को यकीन हो गया। इसके बाद, पुजारी ने बताया कि संजय दत्त पिछले जन्म में अशोक वंश के एक राजा थे।
राजा की कहानी और कर्म
संजय दत्त के अनुसार, पुजारी ने उनके पिछले जन्म की पूरी कहानी इस प्रकार बताई थी। राजा (संजय दत्त का पिछला जन्म) की पत्नी का उनके मंत्री के साथ अवैध संबंध था। पत्नी ने राजा को धोखे से युद्ध में भेज दिया ताकि वह वहाँ मारा जाए और वह अपने मंत्री के साथ रह सके। राजा युद्ध में बहुत से लोगों को मारकर वापस लौट आए। लौटने पर उन्हें अपनी पत्नी और मंत्री के बीच के संबंध का पता चला। क्रोधित होकर राजा ने अपनी पत्नी और मंत्री दोनों की हत्या कर दी। इस कृत्य के बाद, राजा को अपनी करनी का बहुत पछतावा हुआ। वह भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। प्रायश्चित के लिए, उन्होंने राजपाट छोड़कर जंगल में जाने का फैसला किया। जंगल में जाकर राजा ने स्वयं को भूखा रखकर अपनी जान दे दी।
वर्तमान जीवन से जुड़ाव
पुजारी ने संजय दत्त से कहा कि उन्हें अपने पिछले जन्म के कर्मों (पापों) के कारण इस जीवन में बहुत दुख और मुश्किलें सहनी पड़ी हैं। हालांकि, उनकी पिछली तपस्या और पिछले जन्म में राजा होने के कारण ही उन्हें वर्तमान जीवन में सुख-समृद्धि वाले परिवार में जन्म मिला। संजय दत्त ने इस कहानी को अपने जीवन का एक अजीब और अविस्मरणीय अनुभव बताया है।


