योगी सरकार 12 साल में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए अभी से जुट गई है। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के लिए करीब 5 माह का समय बचा है। ऐसे में भव्य महाकुंभ 2025 की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। प्रशासन इस आयोजन के लिए सुरक्षा, सुविधा और साफ-सफाई पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहा है। शहर की खूबसूरती को भी बढ़ाने की कोशिशें चल रही हैं और निर्माण कार्य प्रगति पथ पर है। आयोजन से पहले प्रयागराज को बड़े पैमाने पर सजाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को स्वच्छता, सुविधा और सुरक्षा के लिहाज से सबसे अलग बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने पर जोर दिया। दरअसल महाकुंभ 2025 सनातन भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। प्रयागराज को उसी तरह सजाया जाएगा, जैसे अयोध्या को रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सजाया गया था।
यह होगा खास
प्रयागराज महाकुंभ में विभिन्न स्थानों पर सैकड़ों खंभे, हरित पट्टी, बागवानी परियोजनाएं और विषयगत विकास स्थापित किए जाएंगे। इससे संगम नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं को इसकी आभा से मंत्रमुग्ध किया जा सकेगा और धार्मिक आस्था से सराबोर किया जा सकेगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए डिजाइन के अनुसार 38 जंक्शनों का जीर्णोद्धार शामिल है। यातायात घनत्व का अध्ययन करने और उपयुक्त डिजाइन बनाने के लिए एक एजेंसी को नियुक्त किया गया है। पांच साल तक रखरखाव की योजना के साथ ग्रीन बेल्ट और मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी।
शहरी और सडक़ मार्गों को बनाया जाएगा सुंदर
प्रयागराज के 75 किलोमीटर लंबे कुल 38 शहरी मार्गों को सुंदर बनाने की योजना सरकार ने बनाई है। मेला प्राधिकरण ने हरित पट्टी विकास, बागवानी, भूनिर्माण, विषयगत विकास और प्रत्येक मार्ग पर अंतर विश्लेषण के लिए आठ वास्तुकारों को नियुक्त किया है। 36 मार्गों को पीडीए और दो को पीडब्ल्यूडी द्वारा संभाला जा रहा है। इसके अलावा, स्ट्रीट आर्ट और कलाकृतियां लगभग 10 लाख वर्ग फीट की दीवारों को कवर करेंगी। इस काम का आधा हिस्सा कुंभ मेला फंड से और बाकी आधा एनएमसीजी फंड से दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य पूरे शहर में जीवंत दृश्यों को जोडऩा है और आयोजन को भव्य बनाना है।