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    सिगरेट जितना हानिकारक है समोसा-जलेबी! स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की यह एडवाइजरी

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक चौंकाने वाली एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि समोसा, जलेबी और ऐसे ही अन्य तले-भुने (डीप-फ्राइड) और अत्यधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए उतने ही हानिकारक हो सकते हैं जितना कि सिगरेट का सेवन। मंत्रालय ने नागरिकों से ऐसे खाद्य पदार्थों के अत्यधिक सेवन से बचने का आग्रह किया है और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर दिया है।

    एडवाइजरी में क्या कहा गया है?

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में इन खाद्य पदार्थों से जुड़े कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों पर प्रकाश डाला है:

    1. ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट: समोसा और अन्य तले-भुने स्नैक्स अक्सर ऐसे तेल में बनाए जाते हैं जिनमें उच्च मात्रा में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट होता है। इनका नियमित सेवन हृदय रोगों, उच्च कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रोक के जोखिम को काफी बढ़ा देता है।
    2. अत्यधिक चीनी: जलेबी और ऐसी अन्य मिठाइयों में चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है। अत्यधिक चीनी का सेवन मधुमेह (डायबिटीज), मोटापा, फैटी लिवर और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। यह दांतों के लिए भी हानिकारक है।
    3. कैलोरी घनत्व: ये खाद्य पदार्थ कैलोरी से भरपूर होते हैं लेकिन पोषण मूल्य में कम होते हैं। इनका नियमित सेवन वजन बढ़ने और मोटापे का कारण बन सकता है, जिससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जुड़ी हैं।
    4. लत लगने की संभावना: जिस तरह निकोटीन की लत लग सकती है, उसी तरह अत्यधिक वसा और चीनी वाले खाद्य पदार्थों की भी लत लग सकती है, जिससे व्यक्ति इन्हें बार-बार खाने के लिए प्रेरित होता है। यह एक दुष्चक्र बन सकता है जो स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

    स्वास्थ्य मंत्रालय का संदेश:

    मंत्रालय ने कहा है कि लोग अक्सर सिगरेट के सीधे नुकसान को समझते हैं, लेकिन अनजाने में वे ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते रहते हैं जो लंबे समय में समान रूप से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। एडवाइजरी का उद्देश्य लोगों को इन “छिपे हुए” खतरों के प्रति जागरूक करना है।

    मंत्रालय ने स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और संतुलित जीवनशैली अपनाने की सलाह दी है। इसके बजाय, ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन जैसे पौष्टिक विकल्पों को अपने आहार में शामिल करने पर जोर दिया गया है। यह एडवाइजरी भारत में बढ़ते जीवनशैली से जुड़े रोगों, जैसे मधुमेह और हृदय रोगों, को नियंत्रित करने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

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