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    राज्यसभा पहुंचे सदानंदन मास्टर, निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला-मीनाक्षी जैन; जानें क्या है खासियत 

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित हस्तियों को मनोनीत किया है। इनमें सदानंदन मास्टर, हर्षवर्धन श्रृंगला, डॉ. मीनाक्षी जैन और उज्ज्वल निकम शामिल हैं।। ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाने जाते हैं। इन तीनों हस्तियों का राज्यसभा में मनोनयन भारतीय संसद में विविध क्षेत्रों के ज्ञान, अनुभव और राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करेगा। आइए जानते हैं तीनों की खासियतें:

    सी. सदानंदन मास्टर

    • संघर्ष और समाज सेवा की मिसाल: सदानंदन मास्टर केरल के एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिनका जीवन साहस और दृढ़ता की प्रेरणादायक मिसाल है।
    • शारीरिक चुनौती पर विजय: 1994 में एक राजनीतिक हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए थे, लेकिन इस भयावह घटना के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
    • शिक्षा और युवा सशक्तिकरण: वह लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं और युवा सशक्तिकरण के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता है। वह नेशनल टीचर्स यूनियन के उपाध्यक्ष और उसकी मासिक पत्रिका ‘देशीय अध्यापक वर्था’ के संपादक भी हैं।
    • राजनीतिक हिंसा के खिलाफ मुखर: वे राजनीतिक हिंसा के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनके साहस और राष्ट्र विकास के प्रति उनके जज्बे की सराहना की है।

    हर्षवर्धन श्रृंगला

    • अनुभवी राजनयिक: हर्षवर्धन श्रृंगला एक वरिष्ठ और अनुभवी राजनयिक हैं। वह 1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी रहे हैं।
    • पूर्व विदेश सचिव: वह जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक भारत के विदेश सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं, जो भारतीय कूटनीति में एक महत्वपूर्ण पद है।
    • वैश्विक कूटनीति में योगदान: उन्होंने अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड सहित कई देशों में भारत के राजदूत के रूप में सेवा दी है। उन्हें वैश्विक कूटनीति और दूसरे देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने का लंबा अनुभव है।
    • G-20 में महत्वपूर्ण भूमिका: हाल ही में उन्होंने भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान मुख्य समन्वयक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह अंग्रेजी और कई भारतीय भाषाओं के अलावा फ्रेंच, वियतनामी और नेपाली भाषा के भी जानकार हैं।

    डॉ. मीनाक्षी जैन

    • प्रसिद्ध इतिहासकार: डॉ. मीनाक्षी जैन एक विख्यात इतिहासकार और शिक्षाविद् हैं, जिन्हें भारतीय इतिहास और संस्कृति पर उनके गहन शोध कार्य और लेखन के लिए जाना जाता है।
    • वैकल्पिक इतिहास विमर्श: वह परंपरागत वामपंथी इतिहास दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए भारतीय इतिहास की नई और तथ्यात्मक व्याख्याएं प्रस्तुत करती हैं। उनकी किताबें अयोध्या विवाद, सती प्रथा और इस्लामी आक्रमणों की ऐतिहासिक समीक्षा पर केंद्रित रही हैं।
    • पद्मश्री से सम्मानित: 2020 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था, जो भारतीय इतिहास और सभ्यता के अध्ययन में उनके योगदान की मान्यता थी।
    • बौद्धिक विमर्श में योगदान: राज्यसभा में उनकी उपस्थिति न केवल बौद्धिक विमर्श को नई दिशा देगी, बल्कि सनातन और भारत-केंद्रित इतिहास को भी एक सशक्त आवाज प्रदान करेगी।
    • उज्ज्वल निकम: न्याय और कानून का पर्याय
    • उज्ज्वल निकम का नाम भारतीय न्यायिक प्रणाली में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे उन चुनिंदा वकीलों में से हैं जिन्होंने कई हाई-प्रोफाइल और संवेदनशील आपराधिक मामलों में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है।
    • प्रमुख मामलों के विशेषज्ञ: निकम ने अपने करियर में कई बड़े और चर्चित मामलों में सरकारी वकील की भूमिका निभाई है। इनमें 1993 के मुंबई बम धमाके, गुलशन कुमार हत्याकांड, प्रमोद महाजन हत्याकांड, और सबसे महत्वपूर्ण, 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मुकदमा शामिल है। उन्होंने अजमल कसाब जैसे दुर्दांत आतंकी को फांसी की सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
    • अखंडता और निर्भीकता: उन्हें एक तेज-तर्रार, निडर और प्रतिबद्ध वकील के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने हमेशा संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने और आम नागरिकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए काम किया है।
    • पद्मश्री से सम्मानित: वर्ष 2016 में, भारत सरकार ने उन्हें उनके उत्कृष्ट कानूनी योगदान के लिए प्रतिष्ठित पद्मश्री से सम्मानित किया था।
    • राजनीतिक अनुभव: उज्ज्वल निकम ने हाल ही में 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कदम रखा था, जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली थी। अब राज्यसभा मनोनयन के साथ उनका संसद पहुंचने का सपना पूरा हुआ है।
    • सुरक्षा कवर: हाई-प्रोफाइल मामलों में उनकी भूमिका के कारण, उन्हें साल 2009 से Z+ सुरक्षा मिली हुई है, जो उनके काम की संवेदनशीलता और महत्व को दर्शाती है।
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