यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष के बीच रूस ने अपने परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा है, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंता और तनाव बढ़ गया है। यह कदम तब आया है जब यूक्रेन ने रूस के सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए हैं, जिनमें रणनीतिक एयरबेस और विमान भी शामिल हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर ड्रोन हमलों के जवाब में सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई थी। इन हमलों को यूक्रेन ने ऑपरेशन स्पाइडरवेब नाम दिया है और दावा किया है कि इससे रूस को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इन हमलों को शानदार ऑपरेशन बताया, जो डेढ़ साल से अधिक समय से नियोजित था।
परमाणु युद्ध का कारण बन सकती है
रूस की परमाणु नीति के तहत, वह अपने अस्तित्व पर खतरे की स्थिति में परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है। रूस के अधिकारियों ने कई बार चेतावनी दी है कि नाटो का हस्तक्षेप या रूसी क्षेत्र पर हमले की स्थिति परमाणु युद्ध का कारण बन सकती है। रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने मई 2024 में भी परमाणु युद्ध की चेतावनी दी थी। दुनिया के सबसे बड़े परमाणु हथियार भंडार वाले देश रूस का यह कदम ऐसे समय में आया है जब इस्तांबुल में शांति वार्ता की संभावना भी बन रही थी। इससे शांति प्रक्रिया पर भी ग्रहण लग सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस का यह कदम यूक्रेन पर दबाव बनाने और पश्चिमी देशों को पीछे हटने के लिए मजबूर करने का एक प्रयास है। हालांकि, इससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी बढ़ गई है, जिस पर दुनिया के कई बड़े नेता, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भी शामिल हैं, चिंता व्यक्त कर चुके हैं। फिलहाल, दुनिया इस स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और यह देखना बाकी है कि रूस का यह कदम आगे क्या मोड़ लेता है।