भारत और उसके दोस्त रूस ने मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल बनाई थी, जो कि सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। रूस की घातक ओरेशनिक मिसाइल का यूक्रेन में पिछले सप्ताह पहली बार इस्तेमाल किया गया। इस ओरेशनिक मिसाइल को हेजल के नाम से भी जाना जाता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसके सीरियल प्रोडक्शन का ऐलान किया है। यह अत्याधुनिक हथियार है जो यूक्रेन में काफी अंदर तक रणनीतिक लक्ष्यों के खिलाफ सटीक, हाई स्पीड हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। रूस की इस मिसाइल में भारतीय सेना भी दिलचस्पी ले रही है।
परमाणु हमले जैसा लगा
रूस ने यूक्रेन के शहर डेनेप्रोपेट्रोव्स्क पर ओरेशनिक मिसाइल दागी थी, जिससे स्थानीय सैन्य संस्थानों को भारी नुकसान पहुंचा था। बाद में रूसी राष्ट्रपति ने पुष्टि की कि यह बिल्कुल नया रूसी हथियार है। देखने में यह किसी परमाणु हथियार से किए गए हमले जैसा लग रहा था। हालांकि हमले वाली जगह पर कोई रेडिएशन नहीं पाया गया।
मिसाइल को रोक पाना है मुश्किल?
ओरेशनिक के दागे जाने के बाद इसने टर्मिनल चरण में छह हथियार छोड़े। जो इस हथियार को अलग बनाता है वह इसकी स्पीड है। इसकी स्पीड आवाज की रफ्तार से 10 गुना ज्यादा है। ओरेशनिक से होने वाले नुकसान और इसके रडार पर नजर न आने की क्षमता के कारण भारतीय सशस्त्र बल निश्चित तौर पर आने वाले भविष्य में ऐसे हथियार प्रणाली के लिए उत्सुक है। अतीत में रूस ने महत्वपूर्ण रक्षा टेक्नोलॉजी को आसानी से भारत को दिया है। ओरेशनिक के मामले में यह अलग होगा यह जरूरी नहीं।