जम्मू-कश्मीर विधानसभा में दूसरे दिन भी वक्फ कानून पर हंगामा जारी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रस्ताव पर भाजपा विधायकों ने विरोध किया है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक वक्फ कानून पर चर्चा की मांग पर अड़े हैं। नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस के बीच नोकझोंक हुई और तीखी बहस भी हुई। सदन में हंगामे और विवाद के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही रोकनी पड़ी। पीडीपी विधायक वाहिद परा को मार्शलों द्वारा बाहर निकाले जाने के बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। सदन में आम आदमी पार्टी के विधायक महाराज मलिक और भाजपा विधायक विक्रम रंधावा द्वारा मुफ्ती पर की गई टिप्पणी के बाद पीडीपी प्रवक्ता मोहित और आप विधायक महाराज मलिक के बीच तीखी बहस हुई। इस बहस के बाद सदन का माहौल गर्म हो गया। स्पीकर ने सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। इसके बावजूद प्रश्नकाल की कार्यवाही दूसरे दिन भी नहीं हुई और इस घटनाक्रम ने सदन की कार्यवाही को प्रभावित किया।
सत्तापक्ष व भाजपा विधायकों में धक्का-मुक्की
वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे मुस्लिम विरोधी करार दिया तो भाजपा ने इसका विरोध किया। इस मामला गरमा गया और दोनों पक्षों में तीखी नोक-झोंक हुई। कांग्रेस विधायक इरफान अहमद लोन और भाजपा विधायक सतीश शर्मा के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। विधेयक के विरोध में लिखे नारों के कागज भी फाड़ दिए गए। सलमान ने प्रश्नकाल के पर्चे फाड़े तो तनवीर सादिक ने अपनी काली बास्केट फाडक़र विरोध जताया। विधायकों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल आबादी वाला प्रदेश है। यहां वक्फ पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती है। तमिलनाडु में प्रस्ताव पारित हुआ है और यह कानून मुस्लिमों पर थोपा गया है।
नेकां विधायक सिर्फ ड्रामे कर रहे
नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि नेकां विधायक उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं। उन्होंने सदन में कहा कि विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने देंगे। यह पहला बार हुआ है। यह विधायकों और चेयर के बीच फिक्सड मैच जैसा था। यह सब मीडिया गैलरी को दिखाने के लिए किया गया था। कश्मीर के गरीब बच्चों की धार्मिक भावनाओं को भडक़ाकर पत्थर थमाने की कोशिश है। नेकां विधायक सिर्फ ड्रामे कर रहे हैं। जबकि लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान नेकां सांसद गायब रहे।