महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा पर राजनीति गर्म है। मुंबई में भाजपा और शिवसेना के नेताओं ने संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बयान भी लगातार आ रहे हैं। ऐसे में यह मामला अभी और गर्म हो सकता है।
औरंगजेबी सोच की जगह कलाम की सोच लाएं
नागपुर हिंसा पर भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि इस घटना को मैं अच्छा नहीं मानता हूं क्योंकि देश में औरंगजेबी सोच वैसे भी समाप्त रही है, लेकिन विपक्ष औरंगजेबी सोच को बार-बार जीवित करती है। मैं समझता हूं कि कांग्रेस को औरंगजेब के जिन से बचना चाहिए और औरंगजेबी सोच की जगह पर अब्दुल कलाम की सोच लाएं या कोई और सोच लाएं तो ज्यादा बेहतर होगा।
दंगे कराने का नया तरीका : राउत
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण नहीं है। नागपुर आरएसएस का गढ़ है। यहां पर मुख्यालय है यहां पर मोहन भागवत बैठते हैं। वहां पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का निर्वाचन क्षेत्र भी है। वहां हिंसा फैलाने की हिम्मत कौन कर सकता है? हिंदुओं को डराने और फिर उन्हें भडक़ाने के बाद उन्हें दंगों में शामिल करने का यह एक नया तरीका है।
50 को हिरासत में लिया
नागपुर हिंसा पर नागपुर सिटी पुलिस आयुक्त रविन्द्र सिंघल ने कहा कि नागपुर शहर में शांतिपूर्ण स्थिति है। कुछ एरिया में कफ्र्यू लगाया है। इस घटना में करीब 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। जो सीसीटीवी वीडियो या सोशल मीडिया में ऐसी हरकते करते हुए दिख रहे हैं या शांति भंग करते दिख रहे तो उन लोगों पर भी हम कार्रवाई कर रहे हैं।
14 पुलिस कर्मी भी हुए घायल
गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा कि हिंसा की वजह का अभी पता नहीं चल पाया है लेकिन हमने जांच शुरू कर दी है। अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। घटना में 12-14 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 2-3 नागरिकों को भी चोटें आई हैं। हम घटना के पीछे की वजह का पता लगाएंगे। जिसने ये किया उन सब पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।