देश के कई हिस्सों में मानसून का कहर जारी है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों से लेकर असम, बिहार और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों तक, नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग (IMD) ने इस पूरे हफ्ते भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।
उत्तराखंड और हिमाचल में आफत
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने कहर बरपाया है। नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे कई सड़कें बह गई हैं और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से कई लोगों की मौत और लापता होने की खबरें हैं, जबकि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को भी अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है।
पूर्वी भारत में बाढ़ का खतरा
असम में सात नदियां कई स्थानों पर चेतावनी स्तर को पार कर गई हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में पानी घुस गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
देश के अन्य हिस्सों में भी बारिश
पूरे देश में मानसूनी गतिविधियां सक्रिय हैं। दिल्ली-एनसीआर में भी सुबह से बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे गर्मी और उमस से राहत मिली है। हालांकि, कुछ इलाकों में जलभराव की समस्या भी देखने को मिल रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के भी कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक देश के अधिकांश हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। ओडिशा में 7 से 12 जुलाई तक, छत्तीसगढ़ में 7 से 9 जुलाई तक, और मराठवाड़ा में 7 से 8 जुलाई तक भारी वर्षा की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान में 9 और 10 जुलाई को अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा-चंडीगढ़ में भी लगातार बारिश का दौर जारी रहेगा। सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।